SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 74
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ No. 3.] RAJIM STONE INSCRIPTION OF THE NALA KING VILASATUNGA. 57 10 ~ सकलं कीर्त्तिजगद्धाम्यते ॥[११॥*] शत्रुघ्नोतिव(ब)लेन - ८ [मद*]नो द[]ण कोर्ल्स -, - त्यारामतनुर्बु(g)]धः पृथुरणे भौमः प्रतापेन च । - - - - - -- - ----, --- --- ----- प्यः कृतः ॥१२॥*] प्रति[प* 11 [*]दयभाजः सवितुरि -- इमानुरागधरः । . . णपरा . . . . . . . . [॥१३॥*] विलासिनस्तुङ्गत[मा] »--, विलासतुङ्गः - -- - - - - - -- - -- -- -- [॥१४॥*] -- [ख I]लताभिघात ~~ - 12 - [शङ्का रिबन्दाम्भुवं पश्येमान समोस्त्यनेन विजयाधी[शं ?] स्तु[वं तेन्यतः । प -- --- --- -- -, मन्ये धोरपि - - [वसु ?]धा(धां) कालेन [ना] - - - [॥१५॥*] [म*]त्वा . स्वदेहान्तरिते[न] ---- [व]] त्य[मु]धाखिलानि*] 13 [*]न्तस्तमुद्दिश्य विधान[]ष्टदाना(न)क्रियाभिर्बनु सद्य एव ॥[१६॥*] यथोच्चि?] पि - भूतलो[के] पु[ना] 0--00 मेव [राज्ञा]म् । युगस्य य --, पूर्तम्प पश्य*]न्ति परं स्मृतिजाः ॥[१७॥*] ~ - जे[भ्यः] चातुर्यशा[स्त्र] - | 14 - भावात् [*] धर्मस्य मूलं च यशो वदन्ति - [*]स्मात्तदुपार्ज नौयम् ॥१८॥*] मत्वा चलं जीवितमल्पसारं [वु(बु)डा] बचिलीर्तनमेव कायम् । कौतिः स्थिरा यस्य स [जो]वलोके तत्पण्यमूर्तिनिरिजीप] एव [uren*] ----- राज्ञा दशवदनभुजोस्मि[प्तक[लास*]. 15 [शृ*]ङ्गीहारि [खे]न धाम्ना स्फुरदमलसुधा[नि]त्यन[व्ये ?]न्दुनेदाम्] । देवस्यागेष दुःखप्रभवभयनुदः कारितं स्थानमुच्चैर्विष्णोः पुण्याभिवृद्धौ [त्रि]दशजनसुखातिथ्यभाजा सुतस्य ॥२०॥*] प्राता[ो लाकरोचिय॑तिकरविलसच्चारुवामाधराभां वि(बि)भाणं भूमिभाजा 0 1 The akaharas lost here and at the beginning of the next line may have been sw-visn.
SR No.032580
Book TitleEpigraphia Indica Vol 26
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHirananda Shastri
PublisherArchaeological Survey of India
Publication Year1945
Total Pages448
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size24 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy