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________________ 46 EPIGRAPHIA INDICA. [VOL. XXVI. 46 वद्दिजेंद्र जटियोगिकुलं प्रहृष्टं यत्पहने विजयतामयमन (मन्त्र) देवः ॥ श्रीगौतमीनिकट - 47 पट्टेसवीरभद्रप्रांत हजेंद्रनिकराय गर्वा सहस्रं (स्त्रम्) । दत्त्वा (त्त्वा) तत्तृषमसौ मथितुं किळादाची48 डॉन ( डान ) देवनृपतिर्ज्जलधिं (धीं) ख मप्त ॥ येनाखिकामपि धगं स सुराद्रिमुख्यामुतप्तकांचनमया (य) 49 ददता द्विजेभ्यः 1 भूमात्रदः पटु जितः किळ जामदग्न्य थोडांन (डाम्र) देवरघुनायक एष भाति ॥ 50 येनैव' गोमुखगिरीवर वीरभद्रदेवालयो महितहेममयः कृतोभूत् । श्रीकाशिकाधि51 पतये कुलदेवतायै ग्रामाच विनृपतय' ममदायि येन ॥ सौवर्णमात्म कुलशेखरचीडवंद्य [द्रा] 52 क्षादिरामपुरभीमय मोधश्रृंगं ( गम् ) । अधस्थलीम कुटरत्नमकारि येन चोडांन (डान ) देवधरणीतळनाय[केन] ॥ 53 येयं लसद्दिस6ि9नोटिसमाख्य देश चोडांन (डाम्र) देववरमुत्तमगंडपूर्व (र्वम्) भुवन विश्वत 54 पिंन (पित्र) सानि संगेन (ग) देवनृपतिर्द्विजसादकर्षीत् ॥ पलृरिशैलवरपश्चिमसोभित्र गंगातीन (न) देववरना 1 गंगातटे 35 ववहा ग्रहारः । पुण्येन येन समदायि महाजनेभ्यश्वोडोन ( डाव ) देवधरणीपतिरष भाति ॥ येनो 56 भयान्वयविनिर्मळ विप्रवर्या विद्यीन (द्यो ) ता विधिवदुद्दहनं प्रणीताः तिल [केन च] । सूर्यान्व (वा) य Fifth and Sixth Plates missing. Seventh Plate; First Side. 1 भारद्दाजकुलार्णवपूर्ण सुथा (धा) रश्मिरवनिपतिमित्रं [*] श्रीकूचनाय्र्यतनयः शिं(सिं)गयना 2 मा हिजेन्द्र इह भागो ॥29 [को]हिन्य"गोत्राब्धिसुधामयूखः कोवूरिरामात्मज - Rend 'faga. • Read 'नाममडा. Read आचारवामागम रामचंद्रः । श्रा 3 चारवा' गामतत्व (त्व) दर्शी भागोह मृत्युंजयपादभक्त: ॥30॥ कौंडिन्यगोत्रांबुजसूयते The Telugu numeral figure 4 denoting the number of the plate preceded by a vertical stroke is inscribed here between the letters ra and go. Read विश्वपतये. • Read जिसादकार्षीत्. Read if.
SR No.032580
Book TitleEpigraphia Indica Vol 26
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHirananda Shastri
PublisherArchaeological Survey of India
Publication Year1945
Total Pages448
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size24 MB
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