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EPIGRAPHIA INDICA.
[VOL. XVIII.
817 क्षपाकरसमद्युतिः त्वपित'318 'वैरिपक्षोत्करः [] यदीयभुज319 विक्रमश्रिवणसंभवत्माध्व820 सैपैरवनिभृत्गुहा321 गृहनिवासिभि[:"] स्थीयते ।-[६१"] [य]322 [म*][त च*] राज[:] खैरमानाविधे[या]323 व्यधित विधिसमानामपदं स324 जनानाम् [*] अतनुत नुतबीर्यो [व्या]325 पदं शात्रवाणामतुलयदतुल२26 श्रीश्चन्द्रकान्तिं स्वकान्त्याः । [१२] अस्य 327 सूनुरभ[व]त् परान्तकस्मन्ततक्षपि328 तवैरिसन्ततिः [*] चिन्तयन्यदुदयं स399 साध्वस: पाण्यभूपतिरसंघय. 330 गिरिं ।[१३] चकार कारास रिपूनशे331 षामस्तता' भूरीन्समरामबुरािशीन] [*] 832 जहार तापं बुधसंहतीना[स]ता333 [न] सन्तापमसजना[ना]म् ॥-[५४*] अखिल 334 गुणनिधानात् भूमिपासादमुभा.
Fifth Pillar: Second Side. 335 दुदजॉन नरनाथो राजराजाभि336 धानः [*] [मदन"] रुचिरदेहः कान्त837 [ने"]ोरविन्दो [धनद इति] परं [यत्रा].' 338 जराजेन तुल्यः ॥-[६५] संजहार स339 मरे स पार्थिवानुजहार विप. 340 दस्म भूतकात् [*] आजहार च मखान341 'नेको व्याजहार [च] [स] सून्त . . त 342 सत्याश्रये स्थिरत]रे बत राजरा343 जे सत्याश्रयः किल पलायत मन्द
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I Rend चपित.
One of the secondary i symbols is in the next line : Rond fema. • Read भा . +Rend °निरिक.
Read Autore • Read नेवारविन्दो.
. Rond at ry. The i of në is in the preceding Mpe. ..Could the pasuge hero he read as सूत्रला गिरः?