SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 292
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Radhanpur Plates of Govinda III.-Saka-Samvat 730. + M 6 R वाया जाता था सटकर ( चुलन शाश्व (उदा. ब हना लगाएर विलक्षण OY(SCEBऊला तपाइले हालाहापराहपूरकलरमा रायर रिसा र स रकारतरपहनुहलहलका ( यह पहला AAP का दाताल या मनाला य में दो दिन साद लामिटाराष्ट्रातरशतनततर उन्हा निउरेशराव बाजारात 13 दिन दूर तल साकारला सरासदलाहट र यति दररेटर तालि पलास र.. माणात २ रेकरी कर रही ( गायन यादया ही मदतर या रवि कहो या १ मा काममा पनि हालतमा दुत जा ( अनि रातो टीय र पागलो होर दा दाद पर बहु र तु र त सारवाद । স, সধা, ঠুর বণিসেব (বকর, সহকারে এই लातूर पुरतावर करात पर सकारात्यारा लाकि REACE परलो घारकरार संसद को त्या दोन न्यू दर (( विवरचाकरी हायपराभवानदार পরদিপ বদ এ রকম iia. AREL Fट्राशनकार 20 हजार माहिर सुमार तरता लत कलाकारहतार शुरू 22 ( टायही सटर जनस्तरबादी सदरमा सामाजिरवक्तसर सरवदेत तलवार 24. सोय।। INSTRI(पारस रष्ट, तितलोतरा रा के हवललावयास दिवसापास(Apra LAAPARAJASTकर राष्ट्र हितरा टर की स रहद पवाराह पर राहा सजदारायण मातरादा दायर कारागुलवार के दित त इराक दूर पर्दा तसाद (SC साप 32 रिदिप सवाल हरा देर सवार रशियात रात्रता काका EST र र विराट बाबा न्य ठाति का राह 34 पारतरतुल राडा ( नर ( स लमान W. GRIGGS, COLLOTYPE J. F. FLEET. SCALE •54
SR No.032560
Book TitleEpigraphia Indica Vol 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorE Hultzsch
PublisherArchaeological Survey of India
Publication Year1998
Total Pages482
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size24 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy