________________
446
EPIGRAPHIA INDICA.
L. 41.
थमवि देवादागतः ----
----श्रीधरण [1 ] ------------
-----[॥५२॥*]* --भूपालकुलसहु
"42.
जीमूतवाहन
---[॥५३॥.]
------ -------[*] पावनो यतिपति
यस्याहिपूजाविधि:] . ------------॥५४ [1]in ---दूर प्रसरपरिणते ------- . ----षणिकमतमहाव्याल
संरंभसिंधुः [*]
" 45.
लशिवमुनिभाननीयो [नवेंदुः] ॥ ५५ [॥ * ]
- - - - च पादप
सौ [*] अंगीक्वता - - - -
--[॥५६॥ *]58 ------ [नि:शेषपापंडिमृणालपंडः] [भक्त्यास्य तुष्टः प्रतिपबदर्य:] [प्रशस्तिमेतामयमुद्दधार] ॥ ५७ [[*]
याव46. विष्णोरसि ----------
---------- ---[I ] [यावहाणी विहरतिवि] -------- ता--------------॥ [५७ [*] [एते] ----वेन प्रासादाः
सूविताःशुभाः। लिखिं--------------[॥4॥.] श्रीमविक्रमनपसंवत् १२७३ वर्षे वैशाख शुदि ४ शुक्र [नि:पादितमितिभिवमस्त छ।
मंगलं महाबी: गतः (श्रीनिवासी), प्रदिनुपतिमतं यः एंडितमन्य-third | V Metres Sragdhara.- दबद्रदूरी, चणितमन-[V.G.0.: pada): भिवजवधि-[V.G.0.] Metre, Malini. .
* Metre, Vasantatilaks?-वीस्थ चपादपद्यी-[V.G.0.] 55 Metre, Anushtubh.
» Metre, Upajati. At the end of pada1 प्रभूत-[V.G.0] MMetre, Sarddlavikridita. ------दधिपरि Mandakranta विहरति विधुर्वपिडांतरासता--- --- सचिवः सुधीः सविधा---वीजित | वलयमखिलं गंडयंती यमस्य-[V.G.0.] -[V.G.0.]