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SRIDHARA'S DEVAPATTANA PRASASTI.
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"36.
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श्रीदेवपत्तनमपालयदात्मशक्त्या ॥ ४२ [*]" प्रलयजलधिवेलोलोलकल्लोललोलं ----------संपिष्टशैलं [1x ]
दलितधरणिL.34.
चक्र वीरहमीरचक्र बहुतृणमकरोद्यः श्रीधरो दुर्गदर्य: ॥ ४३ [*] मातः कैवल्यहतो ररिपुभवनं रोहिणीस्वामिनामा ----------------- केशवायः [1] नाना ता
तस्य तहच्छिवभवनमपि ------- [धाम] श्रीमच्छिवस्त्र प्रतिहतदुरितं कारितं भूरियोभं ॥ ४४ [*]" वलो दौवारिकोभूद ------------- --- गूर्जरावा निजनिपुण
गुणै. सूनुना ----[1] [येने[१] श्रीधरीयो]रनगरपदे योजितस्तस्य नाना प्रासादः श्रीधरणाप्ययमवनिजयः कारितः --- [४५॥*]"
----------धनस्तोमाचमत्कारिणः , 37. किंचिच्छीनृपमायिकाभिरभित -------[ix]
गीर्वाणाधिपचा[पसा दरमहारबस्फरज्योतिषां - नैते मेरुमहीधर ---------- [meani] f---मा-हिजवृधिभाज:
___समानदीर्घा सगुणाः --- [1] ------माहेश्वरव्याकरणोपमानाः ॥ ४७ [*]" - - - ------[1] वैशेषिका इव ॥
॥४- [..] -----[I ]
सुनयो यथा ४७ [1] वि---
----ः
"39.
चित्तहत्ति
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, 40.
धूपोद्वतधा ----[1]
--------देते।५० [..] ------[कथाश्रयाय मठं वि--------[]
------ ----------चेतः ॥५१[.] पथ क
।।।
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" Metre, Vasantatilaka-सत्तानमालव -[V. G.0.] | 48 Metre, Sardilavikridita 'पवन'त:-कोयनाचातरा Probably ताब° to be read. भंगुरितांबुदं य। सूर्यः स्थिरा(२) महौधरः शशिदृशामाकार--[V.G.0.] erroneously-[V. G. 0.]
* Metre, Upajati.-दिजीचमीभूपिन, तारखा माविर "Motre, MAlint.-परणधरणमावापावसपिष्ट-[V. G.0.1 -[V. G.0.] "Metre, Bragdhara.- - -
___w Motre, Anushtubh.-Beginning of first line, पाथीदया: ममिती मंदिर -[V.G.0];-मपि ---- नयाच्यं | कैपिसुंधा वै ।-[V. G.0.] [V.G.0.]
si Metre, Anushtabh. Metre, Sragdhara-भूदरिगिरि------- Metre, MAlint. विभवा; म्यवर्गाः चारा -[V.G.0.] --दामटा गुर्ग-[V. G. o] गुणेः Om-[v. G.
O M otre, Trishtubh-एषां मसिहाय कथाश्रयाय मढ़ विधाय राजनाबाधिनस्य बारित: अंबरख.-[V. G. 0.]
खपर्दन वना। [V.G.0.]