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THE INDIAN ANTIQUARY.
जेत्ता जे बा लड़वैया जिन्ह के सवा लाख असवार प्रत्तो बारता बा राजा के रूदल के सुनीं हवाल बीड़ा पड़ गेल बघ रूदल के रूदल बीड़ा लेल उठाय मारू डङ्का बजवावे लकड़ी बोले कड़ाम कड़ाम
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नदी आल्हा के बोलवावल भाइ चल हमरा साथ करो बिश्रहवा सोनवाँ के दिन रात चले तरवार गऊन धोवी दुरगौली के बावन गदहा दुले दुधार मुङ्गर लाद देल गदहापर लड़वयी आफत काल 429 दानी कोइरी बबुरी बन के सिङ्घिन लाख घोड़े असवार चलन जे पलटन बघ रूदल के जिन्ह के तीन लाख
असवार
रानिक दिनवी का चलला में धाना पर पहुँचल बाय डेरा गिराने दुरगीली में डेरा गिरीले वाय बड़ गदोद रूदल बोलल नेवा सुनी चल्दा मोर बात नौ सौ सिपाही के पहरा वा आल्हा के देल बैठाय 435 रूदल चल गेल इन्द्रासन में अम्बर सेंदुर किन के गैल बनाय
प्रत्तो बारता बा रूदल के नैना गढ़ के सुनी हवाल भेंटना गला या नैना के राजा इन्दरमन के गेल दरबार रूदन के भाई अन्गज्जर हे दुरगोली में डेरा गिरीले
बाय
तीन लाख पलटन साथन में वा आल्हा के तैयारी
बाय
440
हाथ जोड़ के भैटना बोलल बाबू इन्दरमन के वलि _जाश्र
हुकुम जे पाऊँ इन्दरमन के आल्हा के लेती बोलाय प्रतनी बोली सुनल इन्दरमन राजा बड़ मङ्गन होय
जाय
जेह दिन लैक आल्हा के तेह दिन आधा राज नैना के देव बटवाय
चलन जे भेटवा वा नेना गढ़ से दरगोली में पहुंचल 445
बाय
हाथ जोड़ के भेंटवा बोलल बाबू आल्हा सुनी महराज तेगा न चलिहे नैना गढ़ में धरम दुआरे होई बियाह हाथ जोड़ के आल्हा बोलल भेंटवा सुन धरम के
[AUGUST, 1885. जवना किल्ला में बैठल इन्दरमन तहवाँ आल्हा गैल
बनाय
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छरपल राजा इन्दरमन आल्हा कन गैल बनाय पकड़ल पहुँचा आल्हा के धरती में देल गिराय बावन पाँती मुसुक चढ़ावे आखा में देल कसाय ले चढ़ावल बजड़ा पर बात नेया छोटक के बलि जाप
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ले डुबाव आल्हा के गङ्गा द० डुबाय सवा लाख पलटन तैयारी होय गेल छोटक के गङ्गा पहुँच
लै डुबावत बा गङ्गा में आल्हा के डुबावत बाय अम्बर बेटा जासर के आल्हा न डूबे बनाय रूदल दल इन्द्रासन से डेरा पर पहुँचल वाय रोए कहरिया दुरंगीली में बाबू रूदल बात बनाव 165 लै बावत वा आल्हा के गङ्गा में डुबावत वाय फाँद बछेड़ा पर चढ़ गल गङ्गा तारे पहुँचल बाय पड़ल लड़ा खोटक से
तड़तड़तड़तड़ तेगा बोले उन्ह के खटर खटर तरबार जैसे छेरियन में हुड्डा पर वैसे पलटन में पहल
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रूदल बबुआन जिन्ह के टैंगरी घे के बीगे से तक चूर चूर होय जाय मस्तक मारे हाथी के जिन्ह के डोंगा चलल बहा थापड़ मारे ॐटन के चारू टाँग चित होय जाय सजा लाख पलटन कट गेल छोटक के जो तक मारे छोटक के सिरवा दुइ खण्ड होय जाय भागल तिलङ्गा छोटक के राजा इन्दरमन के दरबार कठिन लड़ङ्का बा बघ रूदल सभ के काट कैल मैदान प्रत्तो बारता इन्दरमन के रूदल के सुनी हवाल ले उतारन बजड़ा से धरती मे देल धराय आखा खोल के रूदल देखे छाती मारे बजर के हाथ ले चढ़ावल पलकी पर दरवली में गेल बनाय प्रत्तो बारता बा आल्हा के इन्दरमन के सुनी हवाल बीड़ा पड़ गेल इन्दरमन के राजा इन्दरमन बीड़ा लेल
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उठाय
मारू बाजा बजवावे बाजा बोले जुझाम जुझाम एकी एका दन बटुरे दल बावन नब्बे हजार बावन मकुना खोलवाइन प्रकदन्ता तीन हजार मी सी तोप चले सरकारी मैगनी जोले तीन हजार बरह फेर के तीय मैगाइन गोला से देल भराय आठ फेर के तोप मँगाइन छूरी से देल भराय किरिया पड़ि गेल रजवान में बाबू चल के धिरकार उन्ह के काट करो° खरिहान
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बात
हम न जाइब नैना गढ़ में बिदत होई हमार किरिया धराने मैटवा हे बाबू सुनी" चाल्हा वयान 150 ये वन करिते' राजा से जिन्ह के खोज माजी खाय चलल पलकिया जब आल्हा के नैना गढ़ चलल बनाय. घड़ी चढ़ाद के चन्तर में नेना गढ़ पहुँचल शाय नो से कहरा साथे चल गैल नैना गढ़ पहुँचल जाय
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