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OCTOBER, 1884.) TRANSCRIPTS OF DEHLI AND ALLAHABAD EDICTS.
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["] जीवेनजीवे नोपुसितविये तीसुचातुंमासीसु तीसा- [*] - - - __यंपुनमासियं
- - - - - - - ["] तिनि दिवसानि चावुदसं पंनडसं पटिपदाये । - - - चावदसंपंचदस- - धुवायेचा
- - - - - - [] अनुपासथंमछेअवधिये नोपिविकेतविये एतानिये- [-5] - __वादिवसानि
- - - - तानि [+] नागवनास केवटभोगसि यानिअनानिपि जीवानि
कायानि [16] नोहंतवियानि अठमीपखाये चावुदसाये पंनड
साये तिसाये ["] पुनावसुने तीसुचातुंमासीसु सुदिवसाये गोनेनो- | [] सुदिवसाये गो- - -
नीलखितविये ["] अजके एडके सूकले एवापिअंने नीलखियति __ - - - - - - - - -
नोनीलखितविये [१] तिसाये पुनावसुने चातुंमासिये चातुमासिपखाये
- - - - - - - - ___ अस्वसा गोनसा [१] लखने नौकटविये यावसडुवीसतिवस अभिसि- [] लखनेनोकटविवेयावस- - -
तेनमे एताये [""] आतलिकाये पंनवीसति बंधनमोखानिकटानि |
Edict VI. Dehli, East side. [1] देवानंपिये पियदसिलाबाहेवंअहा दुवाडस
1r297- - - पियेपियदसीला- - -
- - - - - - - - - - - - [] वसअभिसितेनमे धमलिपिलिखापिता लोकसा [] हितसुखाये सेतंअपहटा तंतधमवढिपापोवा r-हेवं लोकसा हितसुखेतिपरिवेखामि अथइयं | r91 हितसखेतिपटिवेखामि अथ- - [] नातिसु हेवंपतियासनेसु हेवंअपकठेसु
-सने हेवंअपकठेसुकिमं - - [] किमंकानिसुखं अवहामीति तथचविदहामि हेमेवा
| -दहामि हेवमेवसव - - येसुपटिवेखामि-- [] सवनिकायेसु पटिवेखामि सवपासंडापिमेपूजिता [३०] सवपासंडापिमे पूजिताविविधायपुजाया एचुइयं[१] विविधायपूजाया एचुइयंअतना पचूपगमने
____ अतना पचुपगमनेसेमे मुख्यमतेस- -- -- [] सेमेमोख्यमते सड़बीसतिवस अभिसितेनमे [1] इयंधमलिपि लिखापिता .
। लिपिलिखापिताति
Dehli, Edict VII. [1] देवानंपिये पियदसि लाजा हेवं आहा येअतिकंतं [1] अंतलं लाजाने हुसु हेवं इछिसु कथंजने [1] धंमबढिया बढेया नोचुजने अनुलुपाया धमवदिया । [1] वढिथा एतं देवानंपिये पियदसि लाजा हेवंआहा एसमे [1] हुथा अतिकंतंच अंतलं हेवं इछिसु लाजाने कथंजने [10] अनुलुपाया धंमवाढिया बढेयाति नोचजने अनुलुपाया ["] धंमबढिया वढियां सेकिनसु बने अनुपटिपजेया [18] किनसु जने अनुलुपाया धंमवढिया वढेयाति किनसुकानि [19] अभ्युनामयेहं धमवढियाति एतंदेवानपिये पियदसि लाजा हेवं [°°] आहा एसमे हुथा धंमसावनानि सावापयामि धमानुसथिनि [1] अनुसासामि एतंजने सुतु अनुपटीपचीसवि अभ्युनमिसवि