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________________ प्राकामीया बाराय गत्य नारंटार्केल मसार:समानाव्याटा पसरल्या र शाम र किरातःवकलीलामायाम पशिभूत वि दिसलामाशाम उठात एसा की सामागम वयमाप्पाट तमु इलाटूशाम कती कि तमालपेतुः पल में पूरे मात्र द डीवितसामा बरमियान पर मदतकमाणा ईशावाला साजरा लावावक दिशामा नायः मेटालिलावालदलतगत भिक पतिविरमाला हर माह मेरा यस मामला नियाल नीयलाउ→ रामद सामागार मोरस उठे या कालकाल पालना यार वद्धि सशोक वादिनःप (दयाल त्याहारयातह सामसर नापसवर्षसहसा (यूसेतिहामि माछा वा उस आबकायमदद सहायर डॉपररठायात्याट्सम्सुवा र सुविधा या भिवर पिट रिसह पाल (पस शासपाटिलर दशाह रावल अपहलिय इतर पातार भीक त्य (काटिसह मालिकत्यकोटि सतानि हिदास बराला केसमिटा दे या नियमावि मत्ासदतात उनमःनिदाय।
SR No.032504
Book TitleIndian Antiquary Vol 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJas Burgess
PublisherSwati Publications
Publication Year1984
Total Pages390
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size18 MB
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