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________________ महाजनवंश मुक्तावली २४१ । स्रार्जुन २५ सार २६ उद्धरण २७ बलिमित्र २८ प्रल्हाद २९ मृग धत्त ३० हरि विभ्रम ३१ भवण ३२ दूसल ३३ झूझक ३४ अचन सान सात ३५ भूमिपाल ३६ नवरथ ३७ दसरथ ३८ शक्त कुमार ३९ पृथ्वी भार ४० समर्थ ४१ श्रेष्ठपती ४२ यहिबपत्र ४३ जादू ४४ इसके परिवार बहुत जादव कह लाये इस का सूर १९ सूरके दो पुत्र सोरी ४६ दुसरा सुबीर सोरीका. अन्धक वृश्नी ४७ सुवीरका भोजक वृश्नी इनके उग्रसेन मथुराका राजा हुआ अन्धक वृश्नीके समुद्र विजय बडा सोरी पुरका राजा छोटाही छोटा वसुदेव ४ ८ ये १० भाई दशारण वजतेथे वसुदेवके कृष्ण ४९ प्रद्युम्न ५० अनिरुद्ध ५१ वज्र ५२ प्रतिबाहू ५३ बाहू ५४ सुबाहू ५५ भाटी ५६ इसका परिवार भाटी वजणे लगा जगसेन ५७ सालिवाहन ५८ भुवन पति ५९ भोपराज ६० मंगलराव ६१ वुद्ध ६२ वच्छराज ६३ देहल ६४ केशर ६५ तणा ६६ विजयराव ६७ देवराज सिद्धी ६८ तणु ६९ मधु ७० रावबाछ ७१ दुसाज ७२ जेसलजी जेसल मेर गढ़ डाला विक्रम सम्बत् १२ १२ सावण सुदी १२ रविवार ७३. सालिवाहन ७४ राववीजलपिता द्रोणक रिष्ट ७५ राव कल्याण ७६ राव चोचावड़ो ७७ राव कर्ण ७८ राव लखण ७९ राव पुन्यपाल ८० रावतसी ८१ राव मूलराज ८२ राव दल ८३ राव घड़सी ८४ राव केहर ८५ राव लखमण ८६ राव वैरसी ८७ रावधावो ८८ राव देइचीदास ८९ राव जैतसी ९० राव लूण करण ९१ रावमालढे ९२ राव हरदास ९३ राव भीमजी ९४ राव कल्याणदास ९५ रावमांनसिंह ९६ रावरामचन्द्र ९७ रावसबलराज ९८ राव अमरसिंह ९९ राव जसवन्तसिंह १०० राव जगत सिंह १०१ राव अखयसिंह १०२ राव मूलराजजी १०३ राव गजसिंहजी १०४ राव रणजीत सिंहजी १०५ वैरीसालजी १०६ शालिवाहनजी विजय राज्ये * देरावर बसाई पमारो पास लोद्रवालिया।
SR No.032488
Book TitleMahajan Vansh Muktavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamlal Gani
PublisherAmar Balchandra
Publication Year1921
Total Pages216
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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