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जैन-विभूतियाँ
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श्री शाह के सुपुत्र श्री विपिन केनिया के प्रेसिडेंट जोमो केनियाटा के साथ
भी अफ्रीका आ गए एवं रायचन्द ब्रादर्स नाम से स्वतंत्र फर्म कायम की। संवत् 1987 में मेघजी भाई की पत्नि का देहांत हो गया। उनका दूसरा विवाह नाथूभाई शाह की सुपुत्री मनी बेन से हुआ। पिता एवं प्रथम पुत्री की मृत्यु का मानसिक आघात झेलने के बाद मेघजी भाई के दिन फिरे। व्यवसाय दिन दूना रात चौगुना बढ़ा। कई उद्योग स्थापित किए एवं पूर्वी अफ्रीका के समृद्ध श्रेष्ठियों में गिने जाने लगे।
संवत् 2000 में जब भारत में बंगाल का अकाल पड़ा, मेघजी भाई रीलीफ फंड के कोषाध्यक्ष मनोनीत हुए। तभी पुत्र विपिन का जन्म हुआ। मेघजी भाई ने उसे अकाल के लिए किये सेवा कार्य का पुरस्कार माना। तभी से शिक्षा एवं असहायों की सहायात करने को मेघजी भाई ने अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया। ज्यों-ज्यों सम्पत्ति बढ़ी, मेघजी भाई के सेवा-अवदानों की रकम भी बढ़ती गई। संवत् 2010 में उन्होंने व्यवसाय से सन्यास ले लिया। उस समय उनकी कुल सम्पत्ति 25 लाख पाउंड यानि 7 करोड़ 50 लाख रुपये थी। उनके अवदान 3 करोड़ रुपयों से कहीं । अधिक थे।