________________ बहुरत्ना वसुंधरा : भाग - 3 अचूक पढ़ने योग्य (थर्मघोष - हिन्दी मासिक घर घर में और घट घट में धर्म रूपी सुघोषा घंटका घोष गजाने वाला हिन्दी मासिक यानि.... "ध...र्म...घो...ष" आधुनिक बाल-किशोर एवं युवा पीढी को धर्म सन्मुख एवं धर्म में सुस्थिर-सुदृढ करने के लिए प्रयत्नशील है "ध...म...घो...ष" आकर्षक प्रिन्टींग, मननीय लेख, प्रेरक दृष्टांत, इत्यादि से युक्त प्रतिमाह करीब 44 पेज की सामग्री से भरपूर (फिर भी आजीवन सदस्यता शुल्क केवल 351 रूपये) साहित्य याने "ध...म...घो...ष" दिव्य कृपा : शासन सम्राट, अचलगच्छाधिपति प.पू.आ.भ. श्री गुणसागरसूरीश्वरजी म.सा. शुभाशिष : तपस्वीरत्न, अचलगच्छाधिपति प.पू.आ.भ. श्री गुणोदयसागरसूरीश्वरजी म.सा. संस्थापक : राजस्थान दीपक, साहित्य दिवाकर प.पू.आ.भ. श्री कलाप्रभसागरसूरिजी म.सा. मार्गदर्शक : संयमप्रेमी, विद्वद्वर्य पू. मुनिराज श्री कमलप्रभसागरजी म.सा. संपादक : राजेश संगोई सहसंपादक : मदनलाल बोहरा, गुमानमल जैन प्रकाशक : 'श्री धर्मघोष प्रचार एन्ड चेरीटीज', जेठालाल डी. छेडा, 8 अ, हरगुलाल, कादरपाड़ा, बी. पी. रोड़, दहीसर (प.) मुंबई - 400068 दूरभाष : 8936357 379 बसस्टोप के पीछे, रेल्वे स्टेशन के पास, घाटकोपर (पूर्व) मुंबई-७७, दूरभाष : 5149863 विशेष खबर : 'बहुरत्ना वसुंधरा' (प्रस्तुत किताब) के अनेक दृष्टांत 'धर्मघोष' में प्रकाशित हुए हैं और आगे भी प्रकाशित होते रहेंगे।