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तस्वीर परिचय
(१) वर्धमान आयंबिल तप की १०० ओलीके विशिष्ट आराधक श्री जगदीशभाई केशवलाल पारेख ( जूनागढ) सौराष्ट्र) (भाग-२, दृष्टांत नं. १३८)
(२) वर्धमान तपकी १०० ओलीके तपस्वी अशोकभाई आंगीवाला (कांदीवली-मुंबई) भाग - २, दृष्टांत नं. १३८)
(३) वर्धमान तपकी (१०० + ४६), ओलीके विशिष्ट आराधक श्री झवेरचंदभाई मोतीचंद झवेरी (बोरीवली-मुंबई) (भाग-२, दृष्टांत नं. १३८ )
(४) वर्धमान तपकी १०० ओलीके आराधक
(५) अगर किसी दिन एक भी जीवको कसाइओं के पाससे छुडाकर पांजरापोलमें स्थापित न कर सकें तो दूसरे दिन उपवास करने का संकल्प करनेवाले विशिष्ट जीवदयाप्रेमी सुश्रावक श्री बापुलालभाई मोहनलाल शाह (चीमनगढ -उत्तर गुजरात ) ( बहुरत्ना वसुंधरा भाग - २, दृष्टांत नं. १३२)
(६) वर्धमान तपकी ४६ ओली आदिके विशिष्ट आराधक सोलीसीटर श्री हरखचंदभाई कुंवरजी गडा (कच्छ बाडा, हाल वरली - मुंबई)
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(१) विशिष्ट जीवदया प्रेमी अशोकभाई (पूना - महाराष्ट्र) (भाग-२, दृष्टांत नं. १३३) (२) १०८ उपवास आदि के महातपस्वी स्व. पंडित श्री नरेशभाई लालजी शाह (कच्छ - गुंदाला, हाल विक्रोली-मुंबई) के सुपुत्र ( भाग - २, दृष्टांत १३७) (३) सरकारी अन्जिनीयर होते हुए भी एक भी रूपये की रिश्वत न लेनेवाले नीतिमान सुश्रावक श्री शांतिलालभाई शाह (अहमदाबादगुजरात ) ( बहुरत्ना वसुंधरा भाग - २, दृष्टांत नं. १३५ )
(४) स्थानकवासी होते हुए भी १०८ बार मुंबई से पालीताना की यात्रा करनेवाले, साधु-साध्वीजी एवं मुमुक्षुओं आदिको निःशुक्ल अध्ययन करानेवाले, विशिष्ट तपस्वी, आदर्श शिक्षक श्री जसवंतभाई दफ्तरी (मलाड - मुंबई ) ( बहुरत्ना वसुंधरा भाग - २, दृष्टांत नं. १३४ ) (५) प्रतिष्ठा, अंजनशलाका एवं विविध महापूजनों के सुविशुद्ध शास्त्रानुसारी विधिविधान करानेवाले आदर्श निःस्पृह विधिकार श्री बंकीमचंद्रभाई केशवजी शाह (शायन - मुंबई भाग-२, दृष्टांत नं. १२४ )
(६) ७ सालकी उम्र में अठ्ठाई तप करनेवाला तपस्वी बालश्रावक सौरभकुमार सतीशभाई शाह ( साबरमती - गुजरात ) ( भाग - २, दृष्टांत नं. १२५ )
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