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बहुरत्ना वसुंधरा
'चलो, अनुमोदना करें'
भाग : १ - २ - ३
( अर्वाचीन अनेकविध उत्कृष्ट आराधक रत्नों के आश्चर्यप्रद, प्रेरणादायक, अनुमोदनीय दृष्टांतरत्नों का अनमोल खजाना )
संयोजक -
संपादक
शासन सम्राट, भारत दिवाकर, कच्छ केसरी, अचलगच्छाधिपति प.पू. आचार्य भगवंत
श्री गुणसागरसूरीश्वरजी म.सा. के विनेय, आगमाभ्यासी, पू. गणिवर्य श्री महोदयसागरजी म.सा. ( गुणबाल)
एकपक
श्री बाड़मेर (राजस्थान ) अचलगच्छ जैन संघ
एवं
श्री कस्तूर प्रकाशन ट्रस्ट मुंबई
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