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• जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार ?
मैंने जवाब में लिखा कि "यह सब प्रभाव आपने 36 वर्षों से द्रव्य से भी जो नवकार का जप किया उसका है। उसके ही प्रभाव से आपको सम्मेलन के समय ही शंखेश्वरजी आने की भावना हुई। मैं तो निमित्त मात्र हूँ। बाकी वास्तव में प्रभाव तो पंच परमेष्ठी भगवन्तों की अचिन्त्य कृपा का ही है। इसलिए अब यावज्जीव 'शिवमस्तु सर्व जगतः की प्रार्थना पूर्वक उत्तरोत्तर चढ़ते भावों से नवकार की साधना चालु रखना। इससे ही आपका सर्वांगीण विकास होगा....।"
सभी जीव इस सत्य घटना से प्रेरणा प्राप्त कर वैर का विसर्जन तथा मैत्री का सर्जन करने वाले नवकार महामन्त्र की सम्यक् प्रकार से साधना करके देवदुर्लभ मानव भव को सफल बनायें, यही मंगल कामना। ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः
प्रवक्ता : श्री कान्तिलाल भाई पारेख (किरण भाई) अलसभा, कोर्ट, 5 वीं मंजिल, मरीन ड्राईव, मुम्बई फोन नं. 298897
वनस्पति पर नवकार का प्रयोग
विदेशों में अभी अभी ऐसे संशोधन हुए हैं कि शब्द द्वारा रोग मिटा सकेंगे, कपड़े धोये जा सकेंगे, पत्थर तोड़े जा सकेंगे, ताले खोले जा सकेंगे, प्रसूति कराई जा सकेगी, हीरे को काट सकेंगे। शब्द द्वारा आदमी का खून भी किया जा सकेगा !
मंत्राधिराज श्री नवकार में रहे हुए अक्षरों के उच्चारण द्वारा जबरदस्त आन्दोलन पैदा होते हैं। विशिष्ट संयोगवाले इन शब्दों से अकल्पनीय असर पैदा हो सकता है।
जिस प्रकार एस्पों, एनासीन या स्टोपेक जैसी गोली लेने के साथ तुरन्त असर दिखाती है, उसी प्रकार नवकार मन्त्र भी अपना तुरन्त असर बता सकता है, यदि इसे सम्पूर्ण विधिपूर्वक गिना जाये तो ।
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