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-जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार? असर पहुंचाता है। * जीभ अकेली ही नहीं, परन्तु मन बराबर नवकार गिनना सीख जाये,
उस ओर अपना लक्ष्य रहना चाहिये। ॐ बड़ा भाई छोटे भाई को कविता सिखाये उसी प्रकार अपने को मन
रूपी छोटे भाई को सद्भावनापूर्वक श्री नवकार सिखाना चाहिये। ॐ मन श्री नवकार में लग जाता है तो सभी इन्द्रियां भी उसमें
ओतप्रोत बन जाती हैं। • तैरने वाले का शरीर भीगे बिना नहीं रहता, वैसे ही श्री नवकार में
प्रविष्ट प्राण भी शुभ भाव में भीगते ही हैं। यदि नहीं भीगें तो समझना चाहिये कि अपने प्राणों का अधिकतर भाग नवकार के
बाहर रहता है। ® श्री नवकार गिनते समय नीचे की भावना सतत भाते रहें। "श्री
नवकार के बाहर जन्म, दुःख और मृत्यु है। श्री नवकार के अन्दर
शाश्वत सुखों का महासागर है।" ® "शाश्वत सुख के प्रति अपना यथार्थ पक्षपात हम सभी को जल्दी से जल्दी श्री नवकार के अचिंत्य प्रभाव का पक्षकार बनाये।"
महामंगल श्री नवकार 8 श्री नवकार मंत्र गिनने वाले मनुष्य का पाप नष्ट होता है। @ नवकार मंत्र सुनने वाले मनुष्य का पाप नष्ट होता है। ® नवकार मंत्र सुनाने वाले व्यक्ति का भी पाप नष्ट होता है। 9 अरे! जहाँ-जहाँ इसके श्वासोच्छ्वास का स्पर्श होता है, उनका भी
पाप धुल जाता है। ॐ सभी काल के पापों को नष्ट करने की शक्ति नवकार में है। ● सभी प्रकार के पापों को नष्ट करने की शक्ति नवकार में है। * सभी लोगों के पापों को नष्ट करने की शक्ति नवकार में है।
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