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-जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार? - ॐ एक ही स्थान पर आसन रखना जरूरी है। 8 एक ही माला पर जाप करना चाहिये। ॐ माला गिनते समय बांया हाथ माला को स्पर्श नहीं करना
चाहिये।(दांये हाथ में तकलीफ हो तो छूट) ॐ श्री नवकार का जाप शुरू करने से पूर्व श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ
भगवान तथा शासनपति श्री महावीर भगवान का एवं अनंतलब्धिनिधान
श्री गौतमस्वामी का नाम तीन बार लेना चाहिये। 8 नवकार गिनने के लिए एक ही दिशा का ध्यान रखना चाहिये। ॐ शुद्ध वस्त्र पहनकर नवकार गिनने चाहिये। 2 मालाएं कितनी गिननी? उसकी संख्या निश्चित रखनी चाहिये।
उबासी नहीं खानी चाहिये। 8 मुंह खुला रखकर नवकार नहीं गिनने चाहिये। ॐ उसी प्रकार जाप में होंठ नहीं हिलने चाहिये।
श्री नवकार मंत्र किस समय गिनें? सवेरे 6 बजे, दोपहर 12 बजे, शाम 6 बजे
वैसे ही सवेरे चार बजे से सूर्योदय तक श्रेष्ठ, सूर्योदय से एक घंटे तक मध्यम और सवेरे 10 बजे तक सामान्य कहा जाता है। दिन को 10 बजे से सूर्यास्त के बाद एक घंटे तक का समय विशिष्ट जाप के लिए योग्य नहीं है। (त्रिकाल जाप करने का संकल्प हो तो हर्ज नहीं।
श्री नवकार महामंत्र गिनने के लिए कैसा आसन रखना? सफेद ऊन का आसन रखना चाहिये। श्री नवकार मंत्र के जाप हेतु कोनसी दिशा योग्य?
जाप के लिए पूर्व और उत्तर दिशा अच्छी है। उसमें भी प्रातः 10/ बजे तक के जाप के लिए पूर्व दिशा और सूर्यास्त से एक घंटे बाद के जाप के लिए उत्तर दिशा योग्य है।
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