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• जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार ?
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क्या?
सम्पादकीय प्रस्तावना प्रकाशकीय
अनुक्रमणिका
संयम रजत वर्ष के उपलक्ष्य में पू. गणिर्यश्री का मितापरी परिचय - वन्दना - अनुमोदना क्र. दृष्टांत
1
अचित चिंतामणि नवकार
ऋण स्वीकार
नाकोड़ा तीर्थ का परिचय प्रकाशन के सहयोगी दाता
सादर समर्पण
झिलमिलाता जीवनदीप जगमग हो उठा
वैर विसर्जक, मैजी सर्जक श्री नवकार
वनस्पति पर नवकार का प्रयोग
नमस्कार ही चमत्कार
जहाँ औषधियाँ हारती हैं, वहां आस्था विजयी बनती है।
चम्बल की खतरनाक घाटियों में 13 दिन
रिवाल्वर जब खिलौना बनता है
जब महामंत्र रक्षक बनता है
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श्रद्धा और मंत्र की ताकत
12 मोहनभाई के मनमोहक अनुभव
पठान के भूत पर नवकार का प्रयोग
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14 जीवनसाथी नवकार को नहीं छोडूंगी
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देवी उपसर्ग में अडिगता
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समवसरण के दर्शन हुए
शरीर का होश खो गया
नमस्कार वहां चमत्कार
बावाजी का वशीकरण निष्फल हुआ
III
कहाँ ?
लेखक
मुनि श्री अमरेन्द्रविजयजी डॉ. सुरेशभाई झवेरी 'किरणभाई'
पू. आ. श्री हेमरत्नसूरिजी म.
पू. आ. श्री पूर्णचंद्रसूरिजी म.
IX
XII
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XVII
नरेन्द्रभाई नन्दु
पृष्ठ
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मोहनलालभाई फुरिया गणिवर्य श्री महोदयसागरजी म. 114
सा. श्री चारुधर्माश्रीजी
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