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• जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार ?
घुस गये और बंदूक की नोंक के बल पर घर की सभी अलमारियों की चाबियां छीन लीं।
घर के 12 सदस्यों को एक कमरे में बन्द कर दिया। केवल अलमारियां खुलवाने के लिए एक ही भाई को गुंडों ने अपने साथ रखा। कमरे में बन्द सभी ही सदस्य भावपूर्वक नवकार गिनने लगे ।
गुंडों ने एक अलमारी खोलने का प्रयास किया परन्तु वह नहीं खुली। इसलिए दूसरी एक मुख्य अलमारी - जिसमें 10 लाख रूपये के गहने थे, उसकी चाबी होने के बावजूद भी खोलना भूल गये ! अन्य अलमारियों में टेप वगैरह 25 हजार रुपये जितना फुटकर समान था उसे लेकर भाग गये। 'सूली की सजा और सूई में निपटें' वह इसका नाम ।
वास्तव में, अंतर के खजाने को खोलने की मास्टर चाबी के समान नवकार महामंत्र जिसके पास है, उनके बाह्य खजाने की भी रक्षा होती है, उसमें आश्चर्य क्या ?
कष्ट निवारक - श्री नवकार
मेरे सुपरिचित एक जैन श्रावक को कस्टम ऑफिस वाले ले गये । विशिष्ट प्रकार के खास चेम्बर में विशेष प्रकार की यांत्रिक कुर्सी पर उनको बिठाकर, उनके समक्ष विचित्र प्रकार की इलेक्ट्रीक लाइट के मशीन आदि रखकर उनकी जांच करने की शुरूआत करने लगे।
कस्टम वालों का जांच करने का यह तरीका अत्यन्त कष्टदायक - पीड़ाजनक होता है। घंटों तक पूरी जांच चलती है। विचित्र प्रकार की मशीनों द्वारा व्यापारी के दिमाग की गुप्त बातें उसके ही मुंह से बुलवाने के लिए अमानवीय प्रयोग किये जाते हैं। कई उल्टे-सीधे प्रश्नों की बौछार की जाती है।
उस भाई की भी ऐसी ही दुर्दशा होने की संभावना थी। परन्तु उनकी धर्मपत्नी भी साथ ही गयी थी । वह अनन्य श्रद्धा से नवकार
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