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४१८ भारतीय संस्कृतिक विकासमें जैन वाङ्मयका अवदान
दोपक-स्वप्नमें दीपक जला हुआ देखनेसे अर्थ लाम, अकस्मात् निर्वाण प्राप्त हुआ देखनेसे मृत्यु और ऊर्ध्व लो देखनेसे यश प्राप्ति होती है ।
देग-प्रतिमा-स्वप्नमें इष्टदेवका दर्शन, पूजन और आह्वानन करना देखनेसे विपुल धनकी प्राप्तिके साथ परम्परासे मोक्ष मिलता है। स्वप्नमें प्रतिमाका कम्पित होना, गिरन हिलना, चलना, नाचना और गाते हुए देखनेसे आधि, व्याधि और मृत्यु,होती है।
नग्न-स्वप्नमें नग्न होकर मस्तिष्कके ऊपर लाल रंगकी पुष्पमाला धारण करना देखनेसे मृत्यु होती है।
नृत्य-स्वप्न में स्वयंका नृत्य करना देखनेसे रोग और दूसरेको नृत्य करता हवा देखनेसे अपमान होता है। वराहमिहिरके मतसे-नृत्यका किसी भी रूपमें देखना अशुभ
पक्वान्न-स्वप्नमें पक्वान्न कहींसे प्राप्त कर भक्षण करता हुआ देखे तो रोगीको मृत्यु हो और स्वस्थ व्यक्ति बीमार हो । स्वप्नमें पूरी, कचौरी, मालपुआ और मिष्टान्न खाना देखनेसे शीघ्र मृत्यु होती है।
फल-स्वप्नमें फल देखनेसे धनकी प्राप्ति, फल खाना देखनेसे रोग एवं सन्तान नाश और फलका अपहरण करना देखनेसे चोरी एवं मृत्यु आदि अनिष्ट फलों की प्राप्ति होती है ।
फूल-स्वप्न में श्वेत पुष्पोंका प्राप्त होना देखनेसे धन लाभ, रक्तवर्णके पुष्पोंका प्राप्त होना देखनेसे रोग; पीतवर्णके पुष्पोंका प्राप्त होना देखनेसे यश एवं धन लाभ; हरितवर्णके पुष्पोंका प्राप्त होना देखनेसे इष्ट-मित्रोंका मिलन और कृष्णवर्णके पुष्प देखनेसे मृत्यु
होती है।
भूकम्प'-भूकम्प होना देखने से रोगीको मृत्यु और स्वस्थ व्यक्ति रुग्ण होता है । पन्द्रसेन मुनिके मतसे-स्वप्नमें भूकम्प देखने से राजाका मरण होता है। भद्रबाहु स्वामीके मनसे-स्वप्नमें भूकम्प होना देखनेसे राज्य विनाशके साथ देशमें बड़ा भारी उपद्रव होता है।
मल-मूत्र--स्वप्नमें मल-मूत्रका शरीरमें लगजाना देखनेसे धन प्राप्ति; भक्षण करना देखनेसे सुख और स्पर्श करना देखनेसे सुख और सम्मान मिलता है ।
मृत्यु-स्वप्नमें किसीको मृत्यु देखनेसे शुभ होता है और जिसकी मृत्यु देखते हैं वह दीर्घजीवी होता है, परन्तु अन्य दुःखद घटनाएं सुननेको मिलती है।
यव-स्व में जो देखनेसे घरमें पूजा, होम और अन्य माङ्गलिक कार्य होते है।
पुर-स्वप्नमें युद्ध में विजय देखनेसे शुभ; पराजय देखनेसे अशुभ और युर सम्बन्धी वस्तुओंको देखनेसे चिन्ता होती है।
__पिर-स्वप्नमें शरीरमेंसे रुधिर निकलना देखनेसे धन धान्यकी प्राप्ति; रुधिरसे अभिषेक करता हुआ देखनेसे सुख; स्नान देखनेसे अर्थ लाभ और रुधिर पान करना देखनेसे विद्या लाभ एवं अर्थ लाभ होता है । १. विशेष जाननेके लिये देखो
देवीपुराणका २२वां अध्याय और कालिकापुराणका ८ मन्याव ।