________________
जैन न्याय एवं तत्त्वमीमांसा
१. जैन तत्त्वमीमांसा : एक अनुचिन्तन
२. प्रामाण्यवाद
३. जैनदर्शन में शब्दका पौद्गलिकत्व प्रतिपादन
४. तत्त्वोपप्लववाद समीक्षा
५. प्रमेयरत्नमालाकी टीकाएँ
६. कार्य-कारणभाव : नहाकवि कालिदासकी कृतियों के परिप्रेक्ष्य में