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भारतीय संस्कृतिके विकासमें जैन वाङ्मयका अवदान
धवलाटीकामें भी भिन्नोंकी अनेक मौलिक प्रक्रियाएं हैं, सम्भवतया ये प्रक्रियाएं अन्यत्र नहीं मिलतीं । उदाहरणार्थ कुछ नीचे दी जा रही है
१. न(नाम=न एक दी संख्यामें दो भाजकोंका भाग देनेसे परिणाम निम्नलिखित होता है
(लक अथवा रवाना यदि = क और म'क' तो द (क - क') + म' = म यदि क, तो - -- तथा ---
-
-क,
तो
=क
- ब
-
+
-
-
ब+
ब
ब
-
-
र
इस प्रकार अनेक भिन्न सम्बन्धी महत्त्वपूर्ण नियम दिये गये हैं। सभी करणोंके प्रकरणमें भी ऐसे कई नियम हैं जिनके द्वारा अधिक गुणा भागके चक्रमें बिना पड़े ही सरलतापूर्वक समीकरण (Equation) हल किये जा सकते हैं ।