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भारतीय संस्कृति के विकास में
जैन वाङ्मय का अवदान
[प्राच्य-भाषा, जैन-विद्या, भारतीय वाङ्मय तथा श्रमण-संस्कृति
सम्बन्धी दुर्लभ शोध-निबन्धों का अपूर्व संग्रह]
[द्वितीय खण्ड]
लेखक स्व. डॉ. नेमिचन्द्र शास्त्री, ज्योतिषाचार्य एम० ए० (त्रय) पी-एच० डी०, डी. लिट्
सम्पादक
डॉ. राजाराम जैन
एम० ए०, पी-एच. डी. रीडर एवं अध्यक्ष संस्कृत-प्राकृत विभाग
एच. डी. जैन कालेज, आरा
डॉ. देवेन्द्रकुमार शास्त्री
एम० ए०, पी-एच. डी. प्राध्यापक स्नातकोत्तर महाविद्यालय, नीमच
सौजन्य : कृष्ण नगर, दिगम्बर जैन समाज E-5/37, कृष्णा नगर, दिल्ली-51, फोन : 55351932
प्राच्य श्रमण भारती
मुजफ्फरनगर