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आहार के अन्तराय 227 आहार की मात्रा व काल 228 आहार ग्रहण विधि 229
(ग) विहार चर्या 232
एकल विहार 234 विश्राम चर्या 236 वसतिका के छयालीस दोष 239 वर्षाकाल/वर्षायोग ग्रहण-त्याग 241 संघ में आगन्तुक श्रमण 243
(घ) समाधिमरण 244 (ड.) सदोष श्रमण 250 सन्दर्भ सूची 278
चतुर्थ अध्याय जैन श्रमण के भेद-प्रभेद और उनका अवदान 279 - 304 (क) जैन श्रमण के भेद प्रभेद 279
(1) आचार्य 280 (i) आचार्य पद के गुण 281 (ii) उत्तराधिकारी आचार्य व नियुक्ति विधि 283 (2) उपाध्याय 284 (3) प्रवर्तक 285 (4) स्थविर 285 (5) गणधर 285 (6) तीर्थंकर मुनि 285 (7) गणधर मुनि 286 अन्य भेद : (i) तपस्वी 286 (ii) शैक्ष्य 286 (iii) गण 286 (iv) कुल 287 (v) संघ 287 (vi) साधु 287 (viii ) मनोज्ञ 287
(ख) चारित्र एवं गुणस्थान की अपेक्षा भेद
(i) सामायिक चारित्र 287 (ii) छेदोपस्थापना चारित्र 287 (iii) परिहार विशुद्धि 288 (iv) सूक्ष्म सांपराय 288 (v) यथाख्यात चारित्र 288
(ग) जिनकल्पी और स्थविरकल्पी
(i) जिनकल्पी 289 (ii) स्थविर कल्पी 289
(घ) पुलाक आदि मुनि 289
(i) पुलाक मुनि 290 (ii) बकुश 291 (iii) कुशील 292 (iv) निग्रन्थ 292 (v) स्नातक 292 (vi) अवान्तर भेद 1. संयम 292 2. श्रुत 292 3. प्रतिसेकना 292 4. तीर्व 293