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जैन श्रमण : स्वरूप और समीक्षा
संकेत सूची 1. ईशाद्य. - ईशादिविंशोत्तर शतोपनिषद 2. वं.वि.ओ.जै.रमा. - बम्बई प्रान्त के जैन स्मारक 3. जै.सि.भा. - जैन सिद्धान्त भास्कर 4. सं.प्रा.जै.स्मा. - संयुक्त प्रान्तीय जैन स्मारक 5. प्र.सा. - प्रवचनसार 6. स.सा. - समयसार 7. भ.आ. - भगवती आराधना 8. अ.ध. - अनगार धर्मामृत 9. प.पं. - पद्मनन्दि पंचविंशति 10. प.प्र. - परमात्म प्रकाश 11. नि.सा. - नियमसार 12. जै.शि.सं. - जैन शिलालेख संग्रह 13. उ. - उत्तराध्ययन 14. उपा. - उपासकाध्ययन 15. गो.जी. गा. - गोम्मटरगर जीवकाण्ड गाथा 16. मूला. - मूलाचार 17. त.सू. - तत्त्वार्थ सूत्र 18. पु.सि. - पुस्पार्थसियुपाय 19. मो. पा. - मोक्षपाहुड 20. मो. मा.प्र. - मोक्षमार्ग प्रकाशक 21. श्वे. - श्वेताम्बर 22. रा.वा. - राजवार्तिक 23. स.सि. - सर्वार्थ सिद्धि 24. भा.सं.जै. यो. - भारतीय संस्कृति में जैन धर्म का योगदान