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क्रम
५०
५१
५२
५३
५४
५५
५६
प्रकृति नाम
अस्थिर षट्क
आतप उद्योत
पराघात, उच्छ्वास अगुरुलघु निर्माण
उपघात
तीर्थंकर नाम
उच्चगोत्र
नीचगोत्र
'अन्तरायपंचक
उत्कृष्ट स्थिति सं
कर्म प्रकृति आव. द्विहीन
"?
77
""
77
त्रिकहीन अन्त. को. को.
यत्स्थिति
""
आवलिकाहीन
२० को. को. सागरो
द्विकहीन
हीन
,, ३० को. को. सागरो.,,३०को. को. सागरो.
आवलिकाद्विकहीन अन्त. को. को.
,,२० को.को.
"
"
""
उत्कृष्ट संक्रम
स्वामी गुण
पहला गुण.
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४था गुणस्थान
एक गुणस्थान
""
जघन्य स्थिति
संक्रम प्रमाण
उदयावलिकाहीन
अन्तर्मुहूर्त
अन्तर्मुहूर्तहीन पल्या
संख्य भाग
उदयावलिकाहीन अन्तर्मुहूर्त
उदयावलिकाहीन अन्तर्मुहूर्त
"
""
एक समय
यत्स्थिति
अन्तमुहूर्त
पल्या संख्य
भाग
अन्तर्मुहूर्त
अन्तर्मुहूर्त
"
17
समयाधिक आवलि
जघन्य संक्रम स्वामी गुणस्थान
१३ वां
गुणस्थान
९ वां गुणस्थान
१३ वां गुणस्थान
"
"
४२८
[ कर्मप्रकृति