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भिक्खु दृष्टोत ताजा" यह गीतिका गाने लगा। उसमें एक गाथा है-"जिसमें आबूगढ तीर्थ में जा उसकी वंदना नहीं की, उसने अपना जन्म व्यर्थ ही गमा दिया।"
तब स्वामीजी बोले-"तुमने आबगढ जा उसकी वंदना की या नहीं?" तब छाजूजी बोला-"महाराज ! मैंने तो आबूगढ की वंदना नहीं की।" तब स्वामीजी बोले-' इस हिसाब से तुम्हारा जन्म तो व्यर्थ ही गया ?" तब छाजूजी बोला-"आपने उल्टी फांसी मेरे गले में ही डाल दी।"
२३६. ऐसी है तुम्हारी दया ! पुर की घटना है । भानो खाबिया स्वामीजी के पास आकर बोला-'महाराज ! भीलवाडा में 'दया पाली गई', उसमें सात रुपयों के पक्वान्न, भजिया आदी थे । उसमें से अधिकांश सामग्री को सोलह आदमी खा गए। कुछ कलाकंद बचा, उसे भी सांझ के समय दही में डाल स्वाद ले-ले कर खा गए।"
तब स्वामीजी ने कहा- "तू कहने में भी इतनी लोलुपता दरसा रहा है, तो खाते समय न जाने तुमने कैसा अनर्थ किया होगा ?"
तब भानो खाबिया बोला--"हमारे साथ एक पांच वर्ष का बच्चा भी था; उसे हाथ पकड़ कर उठा दिया। यह कल क्या उपवास करेगा? यह कह कर उसे उठा दिया।"
तब स्वामीजी बोले- "तुमने तो ऐसा आहार किया है, जिससे अब्रह्मचर्य का सेवन कर सकते हो, पर बच्चा तो ऐसा काम नहीं करता। तुझे तो भोजन कराया और उस बच्चे को उठा दिया । ऐसा है तुम्हारा धर्म और ऐसी है तुम्हारी दया।"
२४०. कटार कोई पूनी नहीं है ! भीखणजी स्वामी आचार्य रुघनाथजी के पास दीक्षा लेने को तैयार हुए। तब स्वामीजी की बूआ बोली-“यदि तुमने दीक्षा ली, तो मैं कटार भोंक कर मर जाऊंगी।"
तब स्वामीजी बोले-“कटार कोई पूनी नहीं है, जो पेट में भोंकी जाए । कटार को भोंकना बड़ा कठिन काम है । तुम ऐसी बात क्यों करती हो?"
२४१. तब एक हो जाते हैं वेषधारी साधु कहते हैं-"अमुक-अमुक संप्रदाय वाले हम सभी एक हैं, भीखणजी हमसे न्यारे हैं।'
तब किसी ने कहा- "तुम लोगों के परस्पर अनबन चली है और भीखणजी से जब चर्चा करनी होती है, तब तुम एक कैसे हो जाते हो?"
तब वे बोले-"राजपूत लोगों में भाइयों के परस्पर अनबन चलती है पर चोर को निकालने के लिए सब एक हो जाते हैं।" ___ यह बात स्वामीजी ने सुनी, तब उन्होंने दृष्टांत दिया- "अलग-अलग मोहल्लों के कुत्ते परस्पर लड़ते हैं। इस मोहल्ले के कुत्ते उस मोहल्ले के कुत्ते को अपने यहां नहीं पाने देते और उस मोहल्ले के कुत्ते इस मोहल्ले के कुत्तों को अपने यहां नहीं आने देते । वे परस्पर लड़ते ही रहते हैं। और जब उधर से हाथी गुजरता है, तब सब एक साथ