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परिशिष्ट-3
स्वरूप-संबोधन-परिशीलन
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परिशिष्ट-3
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अष्टसहस्री (स्याद्वादचिंतामणि-भाषाटीका-सहित), विद्यानंद आचार्य, टीकाकी श्री ज्ञानमती माता जी, दिगंबर जैन त्रिलोक शोध संस्थान, हस्तिनापुर, वीर नि. सं. 2515, द्वितीय संस्करण । आत्मानुशासन, गुणभद्र स्वामी, दरियागंज शास्त्र सभा, नई दिल्ली। आप्तमीमांसा, समन्तभद्र आचार्य, श्री शान्तिवीर दि. जैन संस्थान, श्री शान्तिवीर नगर, श्री महावीर जी, वीर सं. 2496 | आलाप-पद्धतिः, देवसेन (आचार्य), भारतवर्षीय दिगंबर जैन ग्रंथमाला, बम्बई, विक्रम संवत् 19771
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