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संघस्थ ब्रह्मचारियों द्वारा आचार्य श्री को जिनवाणी भेंट
परमपूज्य आचार्य श्री 108 विशुद्धसागर जी महाराज से "स्वरूप-संबोधन" ग्रन्थ की टीका
सतना की जैन समाज के द्वारा प्रकाशन कराने की अनुमति के लिए निवेदन करते हुए जैन समाज, सतना के श्रावक : पं. निर्मल जैन, पं. महेश जैन, जयकुमार जैन, राजेन्द्र जैन, पं. सिद्धार्थ जैन, डॉ. अजित कुमार जैन, आनन्द कुमार जैन एवं विनोद कुमार जैन आदि