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दृढ़धर्मी अर्हन्नक
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रहा था तो कोई मौनी होकर बाहरी वातावरण को देख रहा था। कोई शतरंज आदि आदि खेलने में लगा हुआ था तो कोई गोठ मनाने में ही व्यस्त था।
एक लम्बा अन्तराल बीत चुका था। दिनभर की थकावट से आंखें निद्रा से घूर्णित हो रही थीं। किसी ने नाविक से पूछा- भद्र! हम चम्पापुर से कितनी दूर आ गए हैं? नाविक ने कहा- महानुभाव! अभी हमने एक चौथाई रास्ता ही पार किया है, लगभग तीन चौथाई मार्ग और चलना है। संध्या ढलने को है। आप चाहें तो कुछ समय पश्चात् विश्राम कर सकते हैं। अभी हमें सूर्यास्त होने का भी दृश्य देखना है । उस मनोरम दृश्य की उत्कण्ठा से सहसा सभी के मन झूम उठे। समय की प्रतीक्षा ही थी कि एकाएक एक छोटे से बादल ने सूर्य को अपने आवरण से ढक लिया। देखते-देखते सारा व्योममार्ग बादलों से भर गया। चारों ओर काली-काली घटाएं उमड़-घुमड़ आईं। दिन का प्रकाश दुर्दिन से लुप्त होने लगा। बादलों का भयंकर गर्जारव, बिजली की चमचमाहट और वर्षा अपना भयंकर तांडव कर रही थी । समुद्र में भयंकर तूफान उठ चुका था । उसकी चपेट से बचने के लिए कहीं कोई ऐसा टापू नहीं था कि जहां लंगर डाला जा सके। सभी यात्री इसी उधेड़बुन में थे कि इतने में एक बीभत्स आकृति को उन्होंने उभरते हु देखा। वह विशाल आकृति अट्टहास करती हुई द्रुतगति से जहाज की ओर लपक रही थी। इस अकल्पित और अप्रत्याशित दृश्य से यात्रियों का अन्तःकरण भय से कांप उठा। एक-दूसरे का मुंह देखते हुए वे अकर्मण्य की भांति स्थित थे। भय के कारण एक-दूसरे का आश्लेष करते हुए भीतर ही भीतर सटे जा रहे थे। चारों ओर विपत्ति का पहाड़ टूट चुका था। बचने का कोई उपाय नहीं था। अपने जीवन की रक्षा के लिए कोई अपने कुलदेव की मनौतियां मना रहा था तो कोई अपने इष्टदेव का स्मरण कर रहा था। कोई अपने भगवान् को भोग चढ़ाने का संकल्प ले रहा था तो कोई तीर्थाटन करने की प्रतिज्ञा कर रहा था। श्रमणोपासक अर्हन्नक स्थिति को भली-भांति समझ चुका था । इस भयंकर उपसर्ग से निपटने के लिए उसके सामने धर्म के अतिरिक्त अन्य कोई विकल्प विद्यमान नहीं था। कुमार अर्हन्नक जहाज के एक कोने में अप्रकम्पित और अविचलभाव से कायोत्सर्गमुद्रा में प्रतिसंलीन हो गया। उस कुरूपव्यक्ति का अट्टहास वातावरण को रौद्र बना रहा था। उसकी उपस्थिति जहाज में स्थित लोगों को भयाकुल और उद्विग्न कर रही थी । उसने जहाज के समीप आते ही अपनी रौद्रता दिखाते हुए पोतवणिकों से कहा- यदि तुम सुख से जीना चाहते हो