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पुनर्जन्म : अवधारणा और आधार
__ मृत्यु के बाद आत्मा की क्या स्थिति होगी? उसका अस्तित्व बना रहेगा या मिट जायेगा? यह जिज्ञासा पुनर्जन्म की अवधारणा के अभिमुख करती है। यह अध्यात्मवादी दर्शन का मौलिक सिद्धांत है।
आत्मा की शाश्वतता सिद्ध करने के लिये पुनर्जन्म के सिद्धांत की स्थापना की और उसे कर्म-सिद्धांत के आधार पर व्याख्यायित किया। कर्म एवं पुनर्जन्म दोनों परस्पराश्रित हैं।
जीवन अनंत अवसानों का अवशेष है। जन्म-मृत्यु, मृत्यु-जन्म के अनेक आवर्तों का ठहराव जीवन है। जीवन का प्रस्थान मरण है। जन्म-मरण का चक्र है
नव घाटी
जन्म मृत्यु जन्म
मृत्यु जन्म मृत्यु
नव घाटी
जन्म मृत्यु जन्म
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मृत्यु
जन्म मृत्यु
जन्म
मृत्यु
जन्म
मृत्यु
जन्म मृत्यु
नव घाटी
जन्म मृत्यु जन्म
मृत्यु जन्म
नव घाटी
मृत्यु
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पुनर्जन्म : अवधारणा और आधार
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