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शिखरी शिलोच्चय
शिवपुर
भृंग श्रुत-शतांग
श्वपच
श्वयथु
संथवणा
संपजे
संभोग
संवर
संवित
सकाज
सखम
सगाई
सगोत
सज्ज
सणण्णार
सतंत
सताब
सत्र
सपदि
सबूरी
समंदा
समचे
समय
समी
सवर्णी
सवार
सविता
सव्यास
वृक्ष, पर्वत
पहाड़
मोक्ष
सींग
शास्त्र रूप रथ
चंडाल
शोथ, सूजन
गुणगान, स्तुति
उत्पन्न होना
आहार -पानी का संबंध
कर्म-निरोध करने वाले आत्म- परिणाम |
जानकारी, स्मृति
सकारण
सक्षम
संबंध, रिश्ता
समान
तैयार
सन- सन की ध्वनि
सापूर्ण
शीघ्र, जल्दी
',
जंगल
शीघ्र
संतोष
समुद्र
विभागीय पांती और कार्यों से मुक्त रहने की व्यवस्था ।
आगम, सिद्धांत
समतल
समान
प्रातःकाल
सूर्य सविस्तार
परिशिष्ट- ४ / ४१३