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भटभेड़ा भणकारो भसवाड़ा भस्मनि हुत भाखर भाणो भानवी भानू भारती भासित भास्वर
भटकाव ध्वनि, आवाज संन्यास-विरुद्ध आचरण व्यर्थ, राख में दी गई आहुति के समान। पहाड़ भोजन का थाल किरण
सूर्य
भुरकी
भंगता
भोहर
मंडाण
मगरियो
मचकोडै
मझम मणकलो मधुधूली मनोगत मरुभूमिका मसाण
वाणी शोभित तेजस्वी वशीकरण मंत्र से मंत्रित भस्म या धूलि। भ्रमण की तरह मंडराना। तलघर किसी आयोजन विशेष के प्रारंभ में किया जाने वाला प्रबंध, रचना। मेला बिगाड़ना मध्यम माला में पिरोया जाने वाला मनका। शर्करा, खांड मन के अनुकूल मरुधरा, मारवाड़ की धरती। श्मशान लिए, वास्ते, निमित्त जबरदस्ती, बलात इन्द्र का हाथी, चण्डाल वैशाख आदत
माटे
माडाणी मातंग माधव मावरो मिष मुरतब
बहाना
राज-लवाजमा
४१० / कालूयशोविलास-२