SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 386
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३/६ ३/६ ३/६ ३/७, ४/७ ५/२ प्रभुवर ! आवी बेळा क्यारे आवशे, क्यारे थइशुं बाह्याभ्यंतर निर्ग्रथ जो । सर्व संबंध नुं बंधन तीक्ष्ण तोड़ी ने विचरशुं क्यारे महापुरुष ने पंथ जो ।। प्रभुवर ! अन्तर ढाळ आज म्हारै स्वामीजी रे वर्षी रो दिन आयो रे, हो अंतर आलोयणा । आज अपणै गुरुवरजी रो वर्षी रो दिन आयो रे, देखां अंतर लोयणां । राजनगर में भणतां धुर में उघड़ी अंतर आंख्यां रे, 'सीए दाहे ' री रातड़ी । सोजत बगड़ी बड़लू झांका जोधाणे री झांक्या रे, बड़ी विलक्षण बाती ।। लाग्यो लाग्यो जेठ अषाढ़ कंवर तेजा रे, लगतो तो आयो सावण भादवो । मोटी-मोटी बूंद पड़े है कुंवर तेजा रे, जोड़ा निवाण पाणी स्यूं भरया, जागो जागो नींद रा निंदाल कंवर तेजा रे, थारा साईना बौवे बाजरो ।। * अन्तर ढाळ म्हारा लाडला जंवाई कुत्ती पाळ लीज्यो जी इण कुत्ती री पूंछ, जाणै सगोसा री मूंछ । मूंछ मरोड़ लीज्यो जी, म्हांरा लाडला व्याहीसा कुत्ती पाळ लीज्यो जी ।। आज्या आज्या हे नींद नैणां में घुळज्या, लाडू जीमज्या ए नींद भूखी मत जा । आज्या... .ध्रुव. चंदा थारे च्यानणे जी कोई डागल घाली खाट । गया ए न साजन बावड्या कोई रात्यूं जोई बाट ।। आज्या-आज्या हे ... ३८४ / कालूयशोविलास-२
SR No.032430
Book TitleKaluyashovilas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Aacharya, Kanakprabhashreeji
PublisherAadarsh Sahitya Sangh
Publication Year2004
Total Pages420
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy