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________________ १३. सारी कोर्ट-कचेड़ियां अरु सकल बजार। बन्द देश भर में रह्या गण गौरवकार।। १४. सारै ही बंगाल में हुयो खेद अपार। कलकत्ता-बाजार में रह्यो बंद व्यापार।। १५. दाणा-बंदर नाम स्यूं बंबइ-बाजार। माटुंगा दादर रुक्या सब कारोबार।। १६. असम प्रांत नौगांव ल्यो रंगपुर रुचिकार। महमदसिंह सिराजगंज ब्यावर कूचविहार।। १७. इत्यादिक सादर रह्या गुरु-स्मृति में बंद। ____मुश्किल है अवगाहणो गुरु सुकृत-समंद ।। १८. दैनिक साप्ताहिक बहू मासिक अखबार। करी प्रकाशित टिप्पणी अति उचित प्रकार।। १६. तार हजारां ही मिल्या विरहाक्षर व्याप। पुर-पुर देश-प्रदेश स्यूं हार्दिक अनुताप।। २०. बही हजारां लोचनां आंसू री धार। सहणो सुगुरु-बिछोहड़ो है दुक्कर कार ।। २१. जैनेतर अरु जैन जो घन परिचित लोग। स्वर्गवास सुण स्वाम रो रह्या व्योम विलोक।। २२. रखता तेरापंथ स्यूं मन में अति खार। बां रै मुखड़ां स्यूं सुण्या इसड़ा उद्गार।। २३. जैन-जगत में ही सही जगमगती ज्योत। इकसरखो जिणरो तप्यो आतप उद्योत।। २४. शान-सिकल में झलकतो अद्भुत-सो ओज। कालूजी में ही लख्यो प्रभुता रो पोज।। २५. मुख स्यूं कहणे में करै कोई संकोच। . पिण व्याप्यो गुरु-विरह रो जन-जन मन सोच।। १. कालूगणी के स्वर्गवास के उपलक्ष में कलकत्ता के निम्नलिखित बाजार बंद रहे-जूट बेलर एसोसिएशन, ईस्ट इंडिया जूट एसोसिएशन, हटकोला, फूल बगान, बांक बाजार, श्याम बाजार, काशीपुर रोड, कपड़ा बाजार, हेसियन, सोना-चांदी का बाजार, हरिसन रोड, मुर्गी हट्टो, चीणा बाजार, खंगरा पट्टी, देशी पट्टी, सूती पट्टी, वासन पट्टी, गेहूं या तिसी का बाड़ा आदि। २२६ / कालूयशोविलास-२
SR No.032430
Book TitleKaluyashovilas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Aacharya, Kanakprabhashreeji
PublisherAadarsh Sahitya Sangh
Publication Year2004
Total Pages420
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
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