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________________ २२. सूरत-बोम्बे-वारो जी, श्रावक-संघ-सितारो जी, गुरु-पद-रक्त सदा रो जी, साधर्मिक रो स्हारो जी। परम कृपास्पद कालू गणि रो ‘कान्ता'-रमण-सुतात'।। (परम कृपास्पद कालूगणि रो नेमू रो बड़भ्रात।।) २३. कठोतिया परिवारी जी, लंबी अचकनधारी जी प्रज्ञाचख सहचारी जी, पूनम मोहन भारी जी, चंदन भंवर श्राविकावां सह मालव सेवा कीध।। दोहा २४. धनजी बैद सुजानगढ़, निज साथ्यां रै साथ। मालव में सेव्या सुघड़, भैक्षव शासणनाथ ।। २५. झूमर डोसी चोरड्या, बोकड़िया शशिबाल । बेंगाणी शिवजी प्रभृति, सारा साथीवाल।। २६. दानचंदजी चौपड़ा और हजारी बैद। . सद्गुरु री सेवा सझी, हार्दिक भक्ति अखेद ।। २७. गणपत-आंचलियों भगत, भोजाई सह भाल। नोजा गटू" श्राविका, मान्या भाग्य विशाल।। १. कान्ता और रमण, इन दो पुत्रियों के पिता मगन भाई शासनभक्त और जिम्मेदार श्रावक थे। वे नेमू भाई के बड़े भ्राता थे। २. जेसराजजी कठौतिया (सुजानगढ़) ३. देखें प. १ सं. ४० ४. देखें प. १ सं. ४१ ५. बालचंदजी बोकड़िया (सुजानगढ़) ६. शिवराजजी बैंगानी (बीदासर) ७. देखें प. १ सं. ४२ ८. सरदारशहर-निवासी ६. हुलासी बाई (सरदारशहर) १०. सरदारशहर-निवासिनी ११. डॉ. मूलचन्द सेठिया की दादीजी १५८ / कालूयशोविलास-२
SR No.032430
Book TitleKaluyashovilas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Aacharya, Kanakprabhashreeji
PublisherAadarsh Sahitya Sangh
Publication Year2004
Total Pages420
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
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