________________
लावणी छंद १८. हो ‘राजसमंद' 'कांकड़ोली' करुणागर,
'नाथद्वारे' पति-पत्नी बण्या उजागर। गोगुन्दैराज राज' रा दरसण पाया,
दीक्षा रो उत्सव देखी लोक लुभाया।। १६. अब ‘उदियापुर' चौमास सरस रसधारा,
विक्रम बहतर री साल लाल छोगां रा। तेबीस संत सति कानकुमारी मांझी
है तीस सत्यां, 'राजाण' रह्या जेठांजी ।। २०. श्री विजयधर्म, श्रीलाल, शंकराचारी',
श्री कालू तेरापथ-शासन-अधिकारी। च्यारूं चौमासा एक साथ तिण वर्षे, उदियापुर उदित-उदित-सो है उत्कर्षे ।।
'उदियापुर में गणिवर गाजै। वीर-वचन-घन साझै जी।।
२१. एक दिवस कइयक प्रतिपक्षी श्रावक हिलमिल आया जी।
धार्मिक-चर्चा प्रश्न-पडुत्तर, उत्तर लेण उम्हाया जी।। २२. पूछ प्रश्न प्रसन्नमना, थे चूक्या वीर बतावो जी ।
ते किण लेखे? सुगुरु विशेखे छउमथता रो दावो जी।।
१. वीदासरनिवासी अमृतलालजी गोलछा और उनकी धर्मपत्नी रत्नांजी २. मनोहरसिंहजी ३-४. अप्टम आचार्य श्री कालूरामजी ५. देखें प. सं. ५१ ६. मूर्तिपूजक (संवेगी) सम्प्रदाय के आचार्य । ७. स्थानकवासी सम्प्रदाय के आचार्य। ८. वैष्णव मत के धर्माधिकारी। ६. लय : सुमतिनाथ सुमता पथ दाता १०. देखें प. १ सं. ५२
उ.२, ढा.६ / १३३