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६. सब मजहब पर एक-सो, एक मात्र कानून । लागू करणो ज्यूं हुवै, भिक्षुक - संख्या न्यून || ७. विशदवेश धारा- सभा, इलाबाद विख्यात । पेश हुयो प्रस्ताव ओ, बहु जन सम्मति साथ ।। ८. आठ सदस्य रहस्यविद, चारु रूप सहु चून । बणी कमेटी है सुघड़, घड़ै सघन कानून ।। ६. सभापती सुखबीरजी, नेहरू- मोतीलाल । मालवीयजी आदि यूं मेम्बर आठ निहाल ।।
१०. 'हां रे जब निसुणी - निसुणी तेरापंथ समाज जो, यू. पी. कौंसिल घड़सी अभिनव कायदो रे लोय । हां रे इक नई कमेटी बैठी इण ही काज जो, कुणा कुण सोच्यो होसी फायदो रे लोय ।। ११. हां रे गुरु कालू परम कृपालू पूज्य प्रभाव जो, रोक्यो जा जोधाणै जिण प्रस्ताव नै रे लोय । हां रे अब यू. पी. प्रान्ते पायो पुनरुद्भाव जो, मोटो पातक घातक धर्म-प्रभाव नै रे लोय ।। १२. हां रे हो दुर्जन दंडित सज्जन जीवन सेफ जो, राजधर्म ओ नीतिशास्त्र - निर्देश में रे लोय । हां रे शुभ धार्मिक कृति में करणो हस्तक्षेप जो, ओ अन्याय नहीं जाग्रत जनता खमै रे लोय ।। १३. हां रे यदि धर्म नाम स्यूं पापाचार प्रसार जो, सचमुच प्रलयंकारी भारी भ्रष्टता रे लोय । हां रे हो तिरो कड़े रूप में जदि उपचार जो, कुण तिण में अवरोध करै कर धृष्टता रे लोय ।। १४. हां रे अन्याय मिटावण न्यायी रोध्यो जाय जो, 'जलै गोहिरै रै पातक स्यूं पीपळी' रे लोय' । हां रे ओ मोठां साथै घुण पीसण रो न्याय जो, करणो है प्रतिकार उचित पथ पर चली रे लोय । ।
१. लय : हां रे हुं तो इचरज पामी स्वामी वचने २. देखें प. १ सं ४६
१२४ / कालूयशोविलास-१