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२७. ईड़ा-पीड़ा अळगी विलगो व्रीड़ा धार।
गण-उपवन मांही करो, क्रीड़ा नित अविकार।। २८. आशीर्वाद-निनादे नादे, दिग्गज नाद।
मनु अनुरागी राग में, राग मिलावै साद।। २६. नव गुंजारव निसुणी, करण छाण पहचाण। ___आवै नरलोके सुरा, नन्दन-वन मिष ठाण।। ३०. अति उत्साह-प्रवाहे, पाट-महोत्सव-ठाट।
चन्देरी नगरी तदा, किण नगरी स्यूं घाट।। ३१. करसी राज अचक्कां, छक्कं-छक्कां देव।
तिण स्यूं दो छक्का मिल्या, छ्यांसठे स्वयमेव ।। ३२. दाखी दिल-बिच राखी, श्री गुरुदेव दयाल।
कालूयशोविलास री, आ द्वादशमी ढाळ।।
ढाळः १३.
दोहा
१. मौली' जिन-मत-मस्तके मौली सुविहित-मूल।
तम्बोली प्रगट्यो तरुण, अरुणन भवि-ताम्बूल ।। २. अष्ट कर्म अरि-दल दली, हो अष्टम गुणठाण।
अष्ट इलातल' ऊपरै, अष्ट महागुण ठाण।। ३. गन्तुमना सुमना सदा, अष्ट मातृपद लीन।
महामना मथ अष्ट मद', अष्टम पद आसीन।। (युग्म)
१. कालूगणी (मूलचन्दजी के सुपुत्र) २. मुकुट ३. देखें प. १. सं. २५ ४. देखें प. १ सं. २६ ५. देखें प. १ सं. २७ ६. देखें प. १ सं. २८ ७. देखें प. १ सं. २६ ८. देखें प. १ सं. ३०
६६ / कालूयशोविलास-१