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टिप्पण (Notes & References)
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92. अनुयोगद्वार, 1.25
से किं तं लोइयं भावावस्सयं? लोइयं भावावस्सय-पुव्वण्हे भारहं, अवरण्हे रामायणं। 93. अनुयोगद्वार, 2.49, 9.548, एवं नंदी, 4.67
....लोइयं भावासुयं (मिच्छसुय)-जं इमं अण्णाणिएहिं मिच्छदिट्ठीहिं सच्छंदबुद्धि-मइ-विगप्पियं तं जहा-1. भारहं 2. रामायणं 3-4. हंभीमारसुरुत्तं 5. कोडिल्लयं 6. घोडमुहं 7. सगभद्दियाओ 8. कप्पासियं 9. नागसुहुमं 10. कणगसत्तरी 11. वेसियं 12.वइसेसियं 13. बुद्धवयणं 14. काविलं 15. लोगायतं 16. सद्वितंतं 17. माढरं 18. पुराणं 19. वागरणं 20. नाडगादि। अहवा बावत्तरिकलाओ चत्तारि
वेया संगोवंगा। 94-I. आवश्यकनियुक्ति, अवचूर्णि, भाग, 2 पृ. 136, (सूयगडो, पृ. 560 पर
उद्धृत)
पापोपादानं श्रुतं पापश्रुतम्। II. उत्तराध्ययन बृहवृत्ति, पत्र, 617 एवं समवायांगवृत्ति, पत्र 47 (समवाओ पृ. 154
पर उद्धृत) पापोपादानानि श्रुतानि पापश्रुतानि
सूत्रकृतांग, II.2.18 ....णाणाविहं पावसुयज्झयणं भवइ, तं जहा-1. भोमं 2. उप्पायं 3. सुविणं 4. अंतलिक्खं 5. अंगं 6. सरं 7. लक्खणं 8. वंजणं 9. इथिलक्खणं 10. पुरिसलक्खणं 11. हयलक्खणं 12. गयलक्खणं 13. गोणलक्खणं 14. मेंढलक्खणं 15. कुक्कुडलक्खणं 16. तित्तिरलक्खणं 17. वट्टगलक्खण 18. लावगलक्खणं 19. चक्कलक्खणं 20. छत्तलक्खणं 21. चम्मलक्खणं 22. दंडलक्खण 23. असिलक्खणं 24 मणिलक्खणं 25. कागणिलक्खणं 26. सुभगाकरं 27. दुब्भगाकर 28. गब्याकरं 29. मोहणकरं 30. आहव्वणिं 31. पागसासणिं 32. दव्वहोम 33. खत्तियविज 34. चंदचरियं 35. सूरचरियं 36. सुक्कचरियं 37. बहस्सइचरियं 38. उक्कापायं 39. दिसादाहं 40. मियचक्कं 41. वायसपरिमंडलं 42. पंसुवुढेिं 43. केसवुटुिं 44. मंसवुद्धिं 45. रुहिरवुटुिं 46. वेयालिं 47. अद्धवेयालिं 48. ओसोवणिं 49. तालुग्घाडणिं 50. सोवागिं 51. सावरिं 52. दामिलिं 53. कालिंगिं 54. गोरिं 55. गंधारिं 56. ओवतणिं 57. उप्पतणिं 58. जंभणि 59. थंभणिं 60. लेसणिं
61. आमयकरणिं 62. विसल्लकरणिं 63. पक्कमणिं 64. अंतद्धाणिं। 96-I. स्थानांग, 9.27
णवविधे पावसुयपसंगे पण्णत्ते, तं जहाउप्पाते णिमित्ते मंते, आइक्खिए तिगिच्छिए। कला आवरणे अण्णाणे मिच्छापवयणे ति य।।
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