________________
स्नायु मंडल संवेदना
स्नायु मंडल (Nervous System) प्रत्यक्षीकरण (Perception)
सीखना (Learning)
कल्पना (Imagination) भाव या अनुभूति (Feeling)
प्रेरणा (Motivation)
मनोविज्ञान का आचार-दर्शन से सम्बन्ध
संवेदना (Sensation)
स्मरण (Remembering) अवधान (Attention )
चिन्तन (Thinking)
संवेग (Emotion) चेतना (Consciousness)
स्वप्न (Dream)
योग्यता (Aptitude)
वंशानुक्रम और वातावरण (Heredity and Environment).
बुद्धि (Intelligence) व्यक्तित्व (Personality)
380
आचार दर्शन का कार्य है - जीवन के संदर्भ में आचरण की दिशा का निर्धारण और मूल्यांकन करना | औचित्य और अनौचित्य के सभी निर्णय आचरण से सम्बन्धित होते हैं। शारीरिक, वाचिक और मानसिक क्रियाएं ही आचार दर्शन की विषय वस्तु है। मनोविज्ञान की अध्ययन सामग्री भी कायिक, वाचिक और मानसिक क्रियाएं है । उडवर्थे ने मनोविज्ञान को शारीरिक एवं मानसिक क्रियाओं का विज्ञान कहा है। 63 इस प्रकार मनोविज्ञान और आचार दर्शन की विषय वस्तु एक ही है। व्यवहार के तथ्यात्मक स्वरूप को समझना मनोविज्ञान का कार्य है और व्यवहार में आदर्श का निर्धारण करना आचार दर्शन का कार्य है। आचार शब्द- क्रिया की ही अभिव्यक्ति है। मनोविज्ञान में चेतना और मन की स्पष्ट भेदरेखा नहीं मिलती। संभवत: चित्त एवं मन के भेद का प्रश्न भी उनके समक्ष नहीं रहा। चेतना के सम्बन्ध में अनेक दृष्टिकोणों से अध्ययन किया किन्तु उक्त दोनों की भिन्नता के संदर्भ में मुक्त चिन्तन दृष्टिगोचर नहीं होता ।
चेतना के संदर्भ में ड्रेवर का मत है कि चेतना मानसिक एवं शारीरिक क्रियाओं का परिचय देनेवाली विलक्षण क्रिया है। 64 व्यक्ति अपनी आन्तरिक अनुभूतियों से अलग कुछ भी नहीं और अनुभूतियों की व्यापक विशेषता ही चेतना है ।
विलियम जेम्स चेतना को एक नदी के समान मानता है। नदी का पानी जैसेप्रतिक्षण बदलता रहता है वैसे चेतना भी रूपान्तरित होती रहती है। उसने चेतना की विशेषताओं को चार भागों में विभक्त किया है। 65
अहिंसा की सूक्ष्म व्याख्याः क्रिया