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वस्तु जगत् टिका हुआ है। दूसरे शब्दों में परिणमन का सिद्धांत ही विश्व का आधार है। परिणमन के नियम से कोई बाहर नहीं हैं। परिणमन और सौरमण्डल
सूर्य सौरमण्डल की मुख्य धुरी है। सूर्य की रोशनी और गर्मी के पीछे सौर ऊर्जा कार्य करती है। ऊर्जा का उत्पादन सूर्य के केन्द्र में न्युक्लियर क्रिया से होता है। उसके परिणाम स्वरूप हाईड्रोजन गैस हीलियम में बदलती रहती है। सूर्य के केन्द्र में 5640 लाख टन हाईड्रोजन एक सेकेण्ड में 5600 लाख टन हीलियम में रूपान्तरित हो जाती है। सूर्य प्रति सेकेण्ड 3.8 + 10-26 जो ऊर्जा अन्तरिक्ष में उत्सर्जित करता है।
सूर्य कभी शान्त नहीं रहता। उसके भीतर हलचले होती ही रहती हैं। कभी-कभी उसकी गति इतनी तीव्र हो जाती है कि सूर्य की सतह पर ज्वालाएं फूट पड़ती है। सौर ज्वालाएं अन्तरिक्ष में काफी दूर तक फैल जाती हैं। अब तक सौर ज्वालाओं का उग्र रूप 28 फरवरी 1942, 19 नवम्बर 1949, 13 सितंबर 1971 तथा अप्रैल 1990 को देखा गया है। धरती पर तूफानों का विध्वंसक रूप तो कभी - कभी दृष्टिगोचर होता है, परन्तु सूर्य पर इससे भी भयंकर और तेज तूफान चलते रहते हैं। तूफान के फल स्वरूप ही सूर्य पर विद्यमान सौर कलंक की सक्रियता प्रत्येक 11 वें वर्ष में अपनी चरम सीमा पर पहुंच जाती है। इससे सूर्य के आभामंडल के आकार में समय-समय पर परिवर्तन होता रहता है। सौर में उत्पद्यमान अभिक्रियाओं से निसृत किरणे पृथ्वी के अयन तक पहुंच जाती है। पृथ्वी का भू-चुंबकीय क्षेत्र उससे अप्रभावित नहीं रहता। सौर हलचलों की अधिकतम तीव्रता पृथ्वी के आयनोस्फीयर में उथल-पुथल मचा देती है। इस आधार पर ही धरती में चुंबकीय तूफान आने की संभावना बढ़ जाती है। इससे रेडियो संचार में बाधा पड़ती है। विद्युत आपूर्ति के अस्त-व्यस्त होने की आशंका बढ़ जाती है। कई बार धरती इन घटनाओं के कटु अनुभवों को झेल चुकी है। सूर्य में होने वाली ये हलचलें व्यापक परिवर्तन की परिचायक है। वैज्ञानिकों के अभिमत से उनके परिणाम स्वरूप अनागत में धरती पर बड़ी मात्रा में परिवर्तन होगा। धरती की आकृति वही रहेगी किन्तु प्रकृति का पूरा रूपान्तरण हो जायेगा।
जैनदर्शन में उपलब्ध परिणमन का सूक्ष्म विवेचन जैन तीर्थंकरों की अतीन्द्रिय चेतना का बहुत बड़ा साक्ष्य होने के साथ-साथ वैज्ञानिक दृष्टि से बहुत महत्त्वपूर्ण है। क्रिया के परिणमन का यह सिद्धान्त वैज्ञानिकों को भी भावी शोध की अनेक दिशाएं दे सकता है।
क्रिया और परिणमन का सिद्धांत
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