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आयुष्य बंध का नियम
आयुष्य बंध का विधान इस प्रकार है 1ख वर्तमान जीवन
आगामी जीवन के आयुष्य का बंध काल | 1. निरूपक्रम आयुष्यवाला मनुष्य * वर्तमान आयुष्य का तीसरा भागशेष
रहता है। | 2. सोपक्रम आयुष्यवाला मनुष्य * वर्तमान आयुष्य का तीसरा भागशेष
रहता है। अथवा नौवां भाग शेष रहता
या सत्ताईसवां भाग शेष रहता है। | 3. असंख्येय वर्ष आयुष्य वाला मनुष्य * वर्तमान आयुष्य के छह मास शेष रहते
4. असंख्येय वर्ष आयुष्य वाला
पंचेन्द्रिय तिर्यच 5.संख्येय वर्ष आयुष्य वाला पंचेन्द्रिय तिर्यञ्च 6. संख्येय वर्ष आयुष्य वाला पंचेन्द्रिय तिर्यश्च
* वर्तमान आयुष्य के छह मास शेष
रहते है। * वर्तमान आयुष्य का तीसरा भागशेष
रहता है। यदि निरूपक्रम आयुष्क हैं। * वर्तमान आयुष्य का तीसरा भागशेष
रहता हैं। यदि सोपक्रम आयुष्क हैं। अथवा नौवां भाग शेष रहता या
सत्ताईसवां भाग शेष रहता हैं। * वर्तमान आयुष्य का तीसरा भागशेष |
रहता हैं। * वर्तमान आयुष्य का तीसरा भागशेष रहता हैं। अथवा नौवां भाग शेष रहता
या सत्ताईसवां भाग शेष रहता है। * वर्तमान आयुष्य के छह मास शेष
रहते हैं।
| 7. पांच स्थावर, तीन विकलेन्द्रिय
यदि निरूपक्रम आयुष्क हैं 8. पांच स्थावर, तीन विकलेन्द्रिय
यदि सोपक्रम आयुष्क हैं
9. नैरयिक,भवनपति,वाणमन्तर, __ ज्योतिष्क और वैमानिक
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अहिंसा की सूक्ष्म व्याख्याः क्रिया