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प्रकृति संतुलित रहती है। 24ख चित्त और मन के लेखक आचार्य महाप्रज्ञ के अनुसारअसंयम, हिंसा और क्रूरता को उत्पन्न करता है।
1. कृष्ण वर्ण
2. नीला वर्ण
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3. कापोत वर्ण मनुष्य में वक्रता, कुटिलता और दृष्टिकोण का विपर्यास उत्पन्न
करता है।
4. रक्त वर्ण
5. पीत वर्ण
6. श्वेत वर्ण
ईर्ष्या, असहिष्णुता, रसलोलुपता और विषयों में आसक्ति का भाव उत्पन्न करता है।
रंग
बैंगनी
चमकीला जामुनी
चमकीला नीला
ऋजुता, विनम्रता, धर्म-प्रेम और पवित्र भावों का विकास करता है।
अमेरिकन सोसाइटी फॉर फोटोबायोलोजी के पूर्व अध्यक्ष केन्ड्रीक सी-स्मिथ भी लिखते हैं कि- मस्तिष्क में प्रविष्ट प्रकाश से जैविक प्रक्रिया चलती है जो मानसिक व्यवहार को प्रभावित करती है। प्रकाश की सघनता और तरंग दैर्घ्यता सृजनात्मक और भाव दशाओं के परिवर्तन में निमित्त हो सकती है
चमकीला हरा
चमकीला पीला
चमकीला नारंगी
चमकीला लाल
मनुष्य में शांति, क्रोध- मान-माया और लोभ की अल्पता व इन्द्रिय-विजय का भाव उत्पन्न करता है।
रंग की सही पहचान, सही परिणाम के लिये मनोवैज्ञानिकों ने अध्ययन, परीक्षण एवं प्रयोग करके निष्कर्ष रूप में रंगों से जुड़ी विशेषताओं का उल्लेख किया है
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मनुष्य में गहरी शांति और जितेन्द्रियता का भाव उत्पन्न करता है। 25
विशेषता
आध्यात्मिकता
अन्त:प्रेरणा
धार्मिक रुचि
सामञ्जस्य, सहानुभूति
बौद्धिकता
ऊर्जा
जीवतंता 26
अहिंसा की सूक्ष्म व्याख्याः क्रिया