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जयाचार्य कृत चौबीसी के मंत्र १. मंत्र
तूं प्रभु कल्पतरु जिसो, तूं चिंतामणि जोय ।
स्मरण करता आपरो, मन वांछित होय ॥ • मंत्र संख्या
प्रतिदिन एक माला लाभ
मन इच्छित प्राप्ति २. समस्या-भौतिक उलझन • मंत्र
हो प्रभु! लीन पणे तुम ध्यावियां, पामै इन्द्रादिक नी ऋद्धि हो ।
बलि विविध भोग सुख सम्पदा, लहै आमोसही आदि लब्धि हो॥ • मंत्र संख्या
प्रतिदिन एक माला • लाभ
ऐहिक और पारलौकिक सम्पदा की प्राप्ति।१० ३. समस्या
क्लेश मंत्र अहो प्रभु! अजित जिनेश्वर आपरो, ध्याऊं ध्यान हमेश हो । अहो प्रभु! अशरण शरण तू ही सही, मेटण सकल कलेश हो । मंत्र संख्या प्रतिदिन एक माला लाभ
क्लेश का नाश होता है (पारिवारिक क्लेश)" ४. समस्या
बार-बार बाधाओं से प्रताड़ित होना। मंत्र गुण गाता मन गह-गहै, सुख संपत्ति जाण । विघन मिटै समरण कियां, पामै परम कल्याण ॥ मंत्र संख्या प्रतिदिन एक माला
, परिणाम।
विघ्न-बाधाएं दूर होती है। मानसिक प्रसन्नता बढ़ती है।१२ १४६ / लोगस्स-एक साधना-२