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ग्रह और रंग
सौर किरणों एवं प्रकृति में विद्यमान रंगों की शोध करने वाले वैज्ञानिकों का मत है कि भिन्न-भिन्न रंग व्यक्ति विशेष की मनःस्थिति के आधार पर अनुकूल एवं प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। रंगों का असर विशेष के अनुरूप किस प्रकार चुना जाये, इसका आधार उनसे उत्पन्न संवेदन प्रक्रिया ही है
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ज्योतिष शास्त्र में भी सभी ग्रहों के अपने - अपने रंगों का उल्लेख है। वहां बताया गया है कि किसी भी व्यक्ति की जन्मकुंडली का विश्लेषण करके यह जाना जा सकता है कि कौन-सा ग्रह अत्यधिक निर्बल है । निर्बल ग्रह से संबंधित रंग का प्रयोग करके उसकी अनुकूलता प्राप्त की जा सकती है ।
सूर्य-ग्रह राज सूर्य का रंग लाल है। कुंडली में यदि सूर्य निर्बल हो तो लाल रंग का प्रयोग करके हम उसे बलशाली बना सकते हैं ।
मंगल-मंगल का रंग केसरिया लाल है। इस रंग का प्रयोग करके मंगल की अनुकूलता प्राप्त की जा सकती है।
चन्द्र - चंद्रमा का रंग सफेद है। सफेद रंग का प्रयोग करके अनुकूलता प्राप्त कर सकते हैं।
बुध-बुध का रंग हरा है। हरे रंग का प्रयोग करके अनुकूलता प्राप्त की जा सकती है।
गुरु- बृहस्पति का रंग पीला है। पीले रंग का प्रयोग करके गुरु की अनुकूलता प्राप्त की जा सकती है।
शुक्र-शुक्र का रंग आसमानी सफेद है। इसकी अनुकूलता के लिए सफेद रंग का प्रयोग किया जा सकता है
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शनि, राहु, केतु-इन तीन ग्रहों का रंग नीला है। नीले रंग का प्रयोग कर इनकी अनुकूलताएं प्राप्त की जा सकती हैं।
दैनिक जाप मंत्र
वार
१. रविवार २. सोमवार
३. मंगलवार
४. बुधवार ५. बृहस्पतिवार
मंत्र
पूरा नमस्कार महामंत्र
अर्हत् सिद्धाचार्योपाध्याय सर्वसाधुभ्यो नमः
अरिहंत सिद्ध
असि आ उ सा नमः
अरिहंत
सिद्ध
णमो लोए सव्व साहूणं
६. शुक्रवार ७. शनिवार
११८ / लोगस्स - एक साधना - २