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४. रोहिणी तप
समय जिस दिन रोहिणी नक्षत्र हो। अवधि
सात वर्ष सात मास • मंत्र
ॐ ह्रीं श्रीं वासुपूज्य सर्वज्ञाय नमः तप निर्विगय, आयम्बिल या उपवास क्रिया सवा लाख जप, उभयकाल सामायिक, प्रतिक्रमण, ब्रह्मव्रत का पालन या
पौषध, बारह लोगस्स का कायोत्सर्ग, बारह वंदना। ५. श्रुतदेव तप
समय
शुक्ल पक्ष की एकादशी • अवधि
ग्यारह एकादशी या ग्यारह मास मंत्र ॐ ह्रीं श्रीं नमो सुयदेवस्स .
तप
मौन सहित उपवास क्रिया साढ़े बारह हजार जप, ग्यारह लोगस्स का कायोत्सर्ग, ग्यारह वंदना, ब्रह्मचर्य
पालन या पौषध, उभयकाल सामायिक प्रतिक्रमण। ६. अखण्ड दशमी तप
समय प्रत्येक मास की शुक्ला दशमी अवधि दस मास मंत्र ॐ ह्रीं श्रीं शीतलनाथाय नमः
लोगस्स और तप / ६६