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• चैतन्य के प्रति जागरूकता का विकास • भेद विज्ञान • अन्तर्दृष्टि का जागरण आगमिक दृष्टि से फलश्रुतियां • अतिचार का विशोधन
हृदय की स्वस्थता और भारहीनता प्रशस्त ध्यान की उपलब्धि शुद्ध भाव से एक श्वासोच्छ्वास प्रमाण कायोत्सर्ग करने वाला आत्मा २,४५,४०८ पल्योपम देवलोक के शुभ आयुष्य का बंध करता है और अशुभ आयुष्य को निर्जरित करता है। एक नमस्कार मंत्र के आठ श्वासोच्छ्वास प्रमाण कायोत्सर्ग करने वाला आत्मा १६,६३,२६१ पल्योपम प्रमाण देवगति के शुभ आयुष्य का बंधन
करता है। • एक लोगस्स के २५ श्वासोच्छ्वास प्रमाण कायोत्सर्ग करने वाला आत्मा
६१,३५,२१० पल्योपम प्रमाण देवगति के शुभ आयुष्य का बंधन करता है। शारीरिक फलश्रुतियां • मांसपेशियों की कार्यक्षमता में वृद्धि • उच्च रक्तचाप पर नियंत्रण • हृदय की समस्याओं पर नियंत्रण • कोलेस्ट्रोल की मात्रा में कमी • शक्ति की सुरक्षा व संवर्धन • शक्ति के अपव्यय पर नियंत्रण क्षमता का विकास मानसिक फलश्रतियां • मानसिक संतुलन • प्राणशक्ति व मनोबल का विकास • रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास • आभामंडल की सुन्दरता व स्वस्थता का विकास भावनात्मक फलश्रुतियां • मूर्छा का अल्पीकरण • भावनात्मक नियंत्रण • राग-द्वेष का अल्पीकरण
६० / लोगस्स-एक साधना-२