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मोहनीय कर्म
दर्शन मोहनीय
चारित्र मोहनीय
सम्यक्त्व मोहनीय मिथ्यात्व मोहनीय
मिश्र मोहनीय
कषाय मोहनीय
नो कषाय मोहनीय २३
अनन्तानुबंधी अप्रत्याख्यान
प्रत्याख्यान क्रोध, मान, माया लोभ क्रोध, मान माया, लोभ क्रोध, मान माया, लोभ
संज्वलन
क्रोध, मान माया, लोभ
हास्य
रति
अरति
भय
_शोक
जुगुप्सा
स्त्री वेद
पुरुष वेद
नपुंसक वेद
स्तुति और मनोविज्ञान / ५५
• जो कषाय के सहवर्ती हैं, कषायों के उत्तेजक हैं एवं हास्य आदि के रूप में जिनका वेदन होता है, वे नो कषाय कहलाते हैं।