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५२. अष्ट पाहुड़ ५३. स्वागत करें उजालों का - - साध्वी कनकश्री ५४. श्रीमद् भगवत गीता - श्रीमद् ए.सी.भक्तिवेदान्त
स्वामी प्रभुपाद ५५. विनय आराधना ६६. समता वाणी ६७. जैन साधना पद्धति में तपोयोग - मुनि श्रीचंद ६८. ज्ञान मीमांसा (नंदी सूत्र के संदर्भ में) - डॉ. साध्वी श्रुतयशा ६६. मंत्र विद्या
करणीदान सेठिया ६०. महामंत्र नवकार
उपाध्याय केवल मुनि ६१. मिले मन भीतर भगवान
कलापूर्ण सूरि ६२. शक्ति एवं शांति का स्रोत राष्ट्रसंत श्री गणेश मुनि शास्त्री _ नमोक्कार महामंत्र ६३. आगम युग का जैन दर्शन पण्डित दलसुख मालवणिया ६४. तुलसी-प्रज्ञा
वर्ष ३४ अंक १३४ जनवरी, मार्च २००७ हिंदी संपादक-डॉ. मुमुक्षु शांता जैन । अंग्रेजी संपादक-डॉ. जगतराम
भट्टाचार्य ६५. जैन भारती, फरवरी १६६५ . - मानदक सम्पादक-शुभू पटवा ६६. लोगस्स सूत्र-एक दिव्य साधना- डा. साध्वी दिव्या ६७. पर्युषण साधना
साध्वी राजीमती ६८. भिक्षु ग्रंथ रत्नाकर भाग-२ सम्पादक-आचार्यश्री तुलसी
संग्रहकर्ता-मुनिश्री चौथमलजी
प्रबंध सम्पादक-श्रीचंद रामपुरिया ६६. जैन कथाकोष
मुनि छत्रमल ७०. साखी ग्रंथ
महाराज राघवदास कृत टीका ७१. भीतर का रोग भीतर का इलाज- साध्वी शुभ्रयशाजी ७२. प्रेक्षाध्यान-प्रयोग धर्मा महाप्रज्ञ विशेषांक
“ॐ अर्हम्"
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२२६ / लोगस्स-एक साधना-१